कोलकाता, 24 मार्च (हि.स.)। जानलेवा कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने मंगलवार सुबह ही कार्रवाई कर पिछले 101 दिनों से चले आ रहे शाहीन बाग के धरने को खत्म करा दिया है। लेकिन कोलकाता के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र पार्क सर्कस इलाके में यहां के मैदान में चलने वाला धरना अभी भी जारी है। खास बात यह है कि कोलकाता चल चल रहे आंदोलन में कई महिलाएं बैठी हैं लेकिन उनके पास ना तो मास्क है और ना ही संक्रमण से बचाव के लिए कोई अन्य उपाय। सात जनवरी से ही ये लोग धरने पर बैठे हैं।
अब एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लॉक डाउन की घोषणा की है और कहा है कि शहर में चार से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकेंगे। दो दिन पहले ही मेयर फिरहाद हकीम ने प्रदर्शनकारियों से धरना खत्म करने की अपील की थी। सोमवार को कई दौर की बैठकें और चर्चा भी हुई थी लेकिन आंदोलनकारियों ने धरना खत्म करने से इनकार कर दिया था।
आंदोलनकारियों में से एक ने बताया है कि शिफ्ट में धरना चल रहा है। सुबह आठ से 12 तक कुछ महिलाएं बैठती हैं। 12 बजे से शाम छह बजे तक दूसरी महिलाएं। उसके बाद रात 12 बजे तक अन्य महिलाओं को लाया जाता है और फिर रात 12 बजे से सुबह आठ बजे तक अलग-अलग महिलाएं बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। एक बार में सात लोग इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। इसमें चार महिलाएं और तीन पुरुष हिस्सा ले रहे हैं।
देव नाम के एक प्रदर्शनकारी ने बातचीत में इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सरकारी सर्कुलर में सात लोगों के एकत्रित होने पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। हमलोग इसी सर्कुलर को मानकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से लोग मरेंगे इससे हमें कोई डर नहीं है।