नई दिल्ली, 13 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सोमवार को 12वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों को बधाई दी है।
सीबीएसई बोर्ड का परिणाम घोषित होते ही बड़ी संख्या में छात्रों ने वेबसाइट को खोला जिससे वेबसाइट क्रैश हो गई है। हालांकि विद्यार्थियों को निराश होने की जरूरत नहीं हैं। छात्र बिना इंटरनेट के फोन नंबर पर कॉल करके भी अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं। यही नहीं, सीबीएसई ने मोबाइल एप के जरिए भी नतीजे चेक करने की सुविधा दी है।
बोर्ड परीक्षाओं में 88.78 प्रतिशत छात्र सफल हुए हैं जो गत वर्ष के मुकाबले 5.38 प्रतिशत अधिक है। त्रिवेंद्रम 97.67 प्रतिशत, बेंगलुरु 97.05 प्रतिशत, चेन्नई 96.17 प्रतिशत क्रमशः शीर्ष तीन पायदानों पर हैं। वहीं दिल्ली 94.39 प्रतिशत के साथ चौथे स्थान पर है। दिल्ली रीजन में 2,39,870 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था। हालांकि 237,901 विद्यार्थी परीक्षाओं में उपस्थित हुए। इनमें से 224552 विद्यार्थी अर्थात 94.39 प्रतिशत सफल हुए हैं। लड़कों के मुकाबले लड़कियों ने इस वर्ष भी शानदार प्रदर्शन किया है। लड़कों का पास प्रतिशत जहां इस वर्ष 86.19 प्रतिशत है वहीं लड़कियों के सफल होने का प्रतिशत 92.15 है जोकि 5.96 प्रतिशत अधिक है।
सीबीएसई ने सोमवार को 12वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले 12 लाख से अधिक छात्रों के परिणाम बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट ‘cbseresults.nic.in’ के माध्यम से घोषित कर दिये। इस वर्ष 15 फरवरी से 30 मार्च के बीच 4984 केंद्रों पर परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। बारहवीं कक्षा के लिए इस वर्ष 12,03,595 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था। हालांकि 11,92,961 विद्यार्थी परीक्षाओं में उपस्थित हुए। इनमें से 10,59,080 विद्यार्थी सफल हुए हैं। परीक्षा में 88.78 प्रतिशत छात्र सफल हुए हैं जोकि गत वर्ष के 83.40 प्रतिशत के मुकाबले 5.38 प्रतिशत अधिक है।
इस बार 1,57,934 छात्र ऐसे हैं जिन्होंने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इसमें से 38,686 छात्र ऐसे हैं जिनको 95 प्रतिशत अंक मिले हैं। सीबीएसई की ओर से कहा गया है कि इस बार कोई मेरिट लिस्ट नहीं जारी होगी। बोर्ड ने अनुमानित तारीख से दो दिन पहले ही नतीजे घोषित कर दिये हैं। सीबीएसई ने 26 जून को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह सभी शेष परीक्षाओं को रद्द कर रहा है और 15 जुलाई तक परिणाम घोषित कर देगा। बोर्ड ने शेष विषयों के लिए एक वैकल्पिक मूल्यांकन योजना भी प्रस्तुत की थी, जिनकी कोरोना संकट और लॉक डाउन के कारण परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी थी।