नई दिल्ली, 13 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं कक्षा में 91.46 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए हैं। लड़कों के मुकाबले लड़कियों ने इस बार भी बेहतर प्रदर्शन किया है। 12वीं कक्षा की तरह 10वीं के नतीजों में भी त्रिवेंद्रम रीजन शीर्ष पर रहा है। दिल्ली और गुवाहाटी अंतिम पायदानों पर हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों को बधाई दी है।
सीबीएसई ने बुधवार को 10वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले 18 लाख से अधिक विद्यार्थियों के परिणाम बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट ‘cbseresults.nic.in’ के माध्यम से घोषित कर दिये। इस वर्ष 15 फरवरी से 20 मार्च के बीच 5377 केंद्रों पर परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। 10वीं कक्षा के लिए इस वर्ष 18,85,885 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था। हालांकि 18,73,015 विद्यार्थी परीक्षाओं में उपस्थित हुए। इनमें से 17,13,121 विद्यार्थी सफल हुए हैं। परीक्षा में 91.46 प्रतिशत छात्र सफल हुए हैं जोकि गत वर्ष के 91.10 प्रतिशत के मुकाबले 0.36 प्रतिशत की मामूली वृद्धि है।
लड़कियों का शानदार प्रदर्शन
लड़कों के मुकाबले लड़कियों ने इस बार 3.17 प्रतिशत बेहतर प्रदर्शन किया है। 2019 में जहां 92.45 लड़कियां सफल हुई थी वहीं इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 93.31 पर पहुंच गया है। हालांकि लड़कों का पास प्रतिशत गत वर्ष के 90.14 के समान ही है। इस साल ट्रांसजेंडर के पास प्रतिशत में भारी गिरावट देखी गई है। गत वर्ष यह आंकड़ा 94.74 था। वह इस वर्ष घटकर 78.95 प्रतिशत ही रह गया है।
90 प्रतिशत से अधिक पाने वाले
इस बार 1,84 लाख से अधिक विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इसमें से 41 हजार छात्र ऐसे हैं जिनको 95 प्रतिशत अंक मिले हैं।
बोर्ड के 16 रीजन में त्रिवेंद्रम अव्वल तो गुवाहाटी फिसड्डी
बोर्ड के 16 रीजनों में त्रिवेंद्रम 99.28 प्रतिशत, चेन्नई 98.95 प्रतिशत, बेंगलुरु 98.23 प्रतिशत क्रमशः शीर्ष तीन पायदानों पर हैं। इसके बाद पुणे 98.05, अजमेर 96.93, पंचकूला 94.31, भुवनेश्वर 93.20, भोपाल 92.86, चंडीगढ़ 91.83, पटना 90.69, देहरादून 89.72, प्रयागराज 89.12, नोएडा 87.51, दिल्ली वेस्ट 85.96 दिल्ली ईस्ट 85.79 और गुवाहाटी 79.12 प्रतिशत के साथ अंतिम स्थान पर है।
दिल्ली रीजन का प्रदर्शन गिरा
दिल्ली रीजन में 23,841 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 23,716 विद्यार्थी परीक्षाओं में उपस्थित हुए। इनमें से 23,400 विद्यार्थी अर्थात 98.67 प्रतिशत सफल हुए हैं जबकि गत वर्ष यह आंकड़ा 98.75 प्रतिशत था।