नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (हि.स.)। त्योहारी सीजन से पहले केंद्र सरकार ने कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 का वार्षिक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की समय-सीमा दो महीने बढ़ा दी है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को ट्वीट करके ये जानकारी दी।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक बयान जारी कर कहा कि अब वित्त वर्ष 2018-19 का सालाना जीएसटी रिटर्न 31 दिसम्बर दाखिल किया जा सकता है। इससे पहले पिछले महीने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समय-सीमा को बढ़ाकर 31 अक्टूबर,2020 कर दिया गया था।
समय-सीमा बढ़ाने सरकार से हो रही थी मांग
सीबीआईसी ने जारी बयान में कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 का सालाना जीएसटी रिटर्न (जीएसटीआर-9) और मिलान का विवरण (जीएसटीआर-9सी) भरने की समय-सीमा बढ़ाने की मांग सरकार से की जा रही थी। सीबीआईसी ने कहा कि कोविड-19 की महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन तथा अन्य पाबंदियों की वजह से अब भी सामान्य परिचालन संभव नहीं हुआ है। इसी आधार पर तारीख बढ़ाने की मांग की जा रही थी।
सालाना रिटर्न भरने की तिथि 31 दिसम्बर तक
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने कहा कि व्यवसायियों और ऑडिटरों की मांग और जीएसटी परिषद के सुझावों के आधार पर वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सालाना जीएसटी रिटर्न (फॉर्म जीएसटीआर-9 एवं जीएसटीआर-9ए) और पुनर्मिलान ब्यौरा (फार्म जीएसटीआर-9 सी) दाखिल करने की तारीख 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 दिसम्बर, 2020 करने का निर्णय लिया गया है।
जीएसटी रिटर्न दाखिल करना किसके लिए जरूरी
जीएसटीआर-9 एक सालाना रिटर्न है, जो कि करदाताओं को जीएसटी व्यवस्था के तहत दाखिल करना होता है। इसमें विभिन्न कर श्रेणियों (स्लैब) के तहत प्राप्तियों एवं आपूर्तियों के संबंध में विस्तृत विवरण दिया जाता है। जीएसटीआर-9सी ऑडिट की गई सालाना वित्तीय विवरण और जीएसटीआर-9 के मिलान का चिट्ठा होता है। सालाना रिटर्न भरना सिर्फ उन करदाताओं के लिए अनिवार्य है, जिनका सालाना टर्नओवर दो करोड़ रुपये से ज्यादा होता है। इसी तरह पांच करोड़ रुपये से ज्यादा के सालाना टर्नओवर वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए खरीद-बिक्री के मिलान ब्यौरा जमा करना अनिवार्य होता है।