सीबीआई सारदा प्रमुख के पत्र की सत्यता परखेगी
कोलकाता, 03 फरवरी (हि. स.)। बहुचर्चित सारदा चिटफंड मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन की उस चिट्ठी की जांच करेगी जिसमें सेन ने तृणमूल से भाजपा में आए पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी को सारदा समूह की तरफ से छह करोड़ रुपये दिये जाने की बात कही गई है।
जेल से लिखे इस पत्र में सारदा समूह के मुखिया ने भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल व माकपा के शीर्ष नेताओं पर उनसे करोड़ों रुपये लेने के आरोप लगाए हैं। सुदीप्त सेन का यह पत्र सीबीआई के हाथों में है। कोलकाता के बैंकशाल अदालत ने केंद्रीय खुफिया एजेंसी को पत्र की जांच करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सीबीआई को कहा है कि वह पत्र की सत्यता की जांच कर यह पता लगाये कि सुदीप्त सेन ने किसी के दबाव में तो यह पत्र नहीं लिखा।
बताते चलेंं कि तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दिसंबर की शुरुआत में पत्र की एक प्रति जारी की थी। सेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि कांग्रेस, माकपा व तृणमूल के नेताओं ने उनसे करोड़ों रुपये लिए हैं। वाममोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस दो करोड़, तत्कालीन तृणमूल नेता शुभेंदु अधिकारी ने छह करोड़, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने छह करोड़ और माकपा विधायक सुजन चक्रवर्ती ने उनसे नौ करोड़ रुपये लिये थे।
इस पत्र में सेन ने सीबीआई और बंगाल पुलिस से इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। शुभेंदु, अधीर चौधरी तथा सुजन चक्रवर्ती का कहना है कि इसके पीछे पूरी तरह तृणमूल कांग्रेस की राजनीतिक साजिश है। कुछ दिनों पहले ही एक जनसभा से शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि सुदीप्त सेन पर दबाव बनाकर चिट्ठी लिखवाई गई है।