गुरुवार को सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इंदौर की इंडिसन एग्रो फूड्स प्राइवेट लि. और उसके निदेशकों विजय कुमार जैन, महेंद्र कुमार जैन, देवराज जैन और अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी। उसी आधार पर सीबीआई ने आरोपितों के कुल नौ ठिकानों पर छापे मारे। इन छापों में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिससे पता चलता है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने एसबीआई को 180 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया है।
सीबीआई के अनुसार, इंडिसन एग्रो फूड्स प्राइवेट लि. कंपनी यूरोपीय व मध्य-पूर्व के देशों को दालों के आयात-निर्यात के कारोबार में लिप्त थी। कंपनी ने 2003 में कारोबार शुरू किया था। उसे एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह-इलाहाबाद बैंक, आईडीबीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ- पटियाला ने 2013 में कर्ज सुविधा मुहैया कराई थी। इसके एक साल बाद यानि 2014 से कंपनी का सीसी (कर्ज) खाता अनियमित हो गया। अंतत: 2015 में इसे एनपीए (डूबत कर्ज) घोषित कर दिया गया। अब जांच में इंडिसन एग्रो फूड्स प्राइवेट लि. कंपनी और उसके निदेशकों का फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ जारी है।