मेरठ से जुड़े रेलवे में हुए करोड़ों के घोटाले के तार, सीबीआई का छापा

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सीबीआई की टीम ने मकान में रहने वाले रिटायर्ड रेलवे इंजीनियर के व्यापारी भाई और उसके परिवार से घंटों पूछताछ करते हुए घर में रखे दस्तावेज खंगाले।



मेरठ, 18 दिसम्बर (हि.स.)। वर्ष 2010 में राजस्थान के रेलवे विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले के तार मेरठ जिले से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को सीबीआई की टीम ने मूल रूप से मेरठ निवासी एक रिटायर्ड रेलवे इंजीनियर के पैतृक आवास पर छापा मारा। सीबीआई की टीम ने मकान में रहने वाले रिटायर्ड रेलवे इंजीनियर के व्यापारी भाई और उसके परिवार से घंटों पूछताछ करते हुए घर में रखे दस्तावेज खंगाले। इसके बाद सीबीआई के अधिकारी बिना किसी से कोई बात किए वापस लौट गए।
वर्ष 2010 में राजस्थान रेलवे में करोड़ों का घोटाला हुआ था। घोटाले के दौरान शक के दायरे में मेरठ निवासी विजय मित्तल भी आए थे। विजय मित्तल उस समय जयपुर रेलवे में इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। मूल रूप से मेरठ के भावनपुर थाना क्षेत्र के जेई गांव निवासी विजय मित्तल करीब चार साल पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वर्तमान समय में जेई गांव में उनके भाई अनिल मित्तल का परिवार रहता है। अनिल की गांव में ही किराने की थोक की दुकान है।
बुधवार सुबह इनोवा कार में सवार सीबीआई के सात अधिकारियों की टीम एकाएक अनिल के घर पर पहुंची। टीम के अधिकारियों ने घर के दरवाजों को बंद करके कई घंटों तक अनिल के परिवार से पूछताछ करते हुए घर की सघन तलाशी भी ली। इस दौरान अनिल के घर के बाहर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। मगर, सीबीआई के अधिकारियों ने किसी को भी घर में भीतर आने की इजाजत नहीं दी। अनिल के घर को घंटों खंगालने के बाद सीबीआई की टीम सुबह लगभग 11 बजे वापस लौट गई। उधर, अनिल का कहना है कि उनके भाई विजय मित्तल वर्ष 1978 में ही गांव छोड़कर चले गए थे। इसके बाद से उनका गांव में आना-जाना नहीं है मगर यह पूरी घटना गांव में चर्चा का विषय बनी है।

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