नई दिल्ली, 30 जुलाई (हि.स.)। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नेवी के चार अधिकारियों समेत 14 लोगों के खिलाफ एक आईटी हार्डवेयर कंपनी के लिए 6.76 करोड़ का फर्जी बिल बनाने का मामला दर्ज किया है। साथ ही सीबीआई ने आरोपितों के यहां छापे मारकर तलाशी भी ली है। सभी नौसेना अधिकारियों पर धोखा देने और सार्वजनिक धन की उगाही करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने का आरोप है।
सीबीआई के अुनसार नौसेना के चार अधिकारियों और 14 अन्य लोगों को पश्चिमी नौसेना कमान में आईटी हार्डवेयर की आपूर्ति के लिए 6.76 करोड़ रुपये के फर्जी बिल तैयार करने का आरोपी बनाया गया है। नेवी के चारों आधिकारियों में कैप्टन अतुल कुलकर्णी, कमांडर मंदार गोडबोले, आरपी शर्मा और पेटीएम (एफ एंड ए) ऑफिसर कुलदीप सिंह बघेल शामिल हैं।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी और नेटवर्किंग से संबंधित हार्डवेयर की आपूर्ति के लिए मुंबई में पश्चिमी नौसेना कमान में 2016 में जनवरी और मार्च के बीच बिलों को कथित तौर पर उठाया गया था। बिल में उल्लिखित कोई भी वस्तु मुख्यालय, डब्ल्यूएनसी (पश्चिमी नौसेना कमान) को आपूर्ति नहीं की गई थी। बिल तैयार करने से संबंधित कोई दस्तावेज, अनुमोदन, वित्तीय मंजूरी, खरीद आदेश, रसीद वाउचर आदि उपलब्ध नहीं हैं। इस मामले में सीबीआई निजी कंपनियों स्टार नेटवर्क, एसीएमई नेटवर्क, साइबरस्पेस इन्फोसिस और मोक्ष इंफोसिस के अलावा रक्षा लेखा के चार अधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले फरवरी में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में 11 नौसैनिकों को गिरफ्तार किया गया था। इनके साथ दो नागरिकों को भी पकड़ा गया था। सोशल मीडिया के जरिए ये पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों को नौसेना से संबंधित संवेदनशील सूचनाएं लीक करते थे। पाक के एजेंटों ने इन्हें हनी ट्रैप में फंसा रखा था।