सीबीआई ने आनंदपाल एनकाउंटर मामले में 24 लोगों के खिलाफ पेश की चार्जशीट

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दो साल छह महीने पुराने इस मामले की जांच पूरी करते हुए सीबीआई ने आनंदपाल सिंह की बेटी चरणजीत सिंह उर्फ चीनू और लोकेंद्र सिंह कालवी को भी बनाया आरोपिततत्कालीन नागौर एसपी और महिला आईपीएस पर जानलेवा हमला करने और पुलिस वाहनों को जलाने का भी दोषी माना



नई दिल्ली, 27 जून (हि.स.)। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में आज 24 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पोश कर दी। जिला नागौर (राजस्थान) के गांव सांवराद में कथित हिंसा व दंगों से संबंधित इस मामले में सीबीआई ने एसीजेएम (सीबीआई मामले) जोधपुर की अदालत में दाखिल आरोप पत्र में आनंदपाल सिंह की बेटी चरणजीत सिंह उर्फ चीनू, लोकेंद्र सिंह कालवी और सुखदेव सिंह गोगामेडी सहित 24 लोगों को दंगा भड़काने, तत्कालीन नागौर एसपी (महिला आईपीएस) पर जानलेवा हमला करने और पुलिस वाहनों को जलाने का भी दोषी माना है।

सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ ने शनिवार को बताया कि 24 आरोपितों में लोकेन्द्र सिंह कालवी, सुखदेव सिंह गोगामेढ़ी, हनुमान सिंह खांगटा, महिपाल सिंह मकराना, योगेन्द्र सिंह कतर, दुर्ग सिंह, रंजीत सिंह मंगला उर्फ रंजीत सिंह सोढाला, रंजीत सिंह गोंदिया, रणवीर सिंह गुड़ा, ओकेन्द्र राणा उर्फ हितेन्द्र सिंह राणा, चरणजीत सिंह कंवर उर्फ चीनू, एपी सिंह, सीमा रघुवंशी उर्फ सीमा राघव, गिरीराज सिंह लोटवाड़ा, महावीर सिंह, प्रताप सिंह राणावत, प्रेम सिंह बनवासा, भंवर सिंह रेता, दिलीप सिंह, जब्बर सिंह, मोहन सिंह हटौज युनूस अली, राजेन्द्र सिंह गुड़ा और घनश्याम सिंह त्योड शामिल हैं।

सीबीआई ने 5 जनवरी, 2018 को राजस्थान सरकार के अनुरोध पर यह मामला दर्ज किया था। इससे पहले नागौर के थाना जसवंतगढ़ पुलिस ने एफआईआर संख्या 115/2017 दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी लेकिन आरोप था कि 24 जून, 2017 को पुलिस ने आनंद पाल सिंह को मुठभेड़ में मार डाला और उसका अंतिम संस्कार नहीं किया गया। लोगों ने पुलिस ज्यादती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उसके बाद सरकार पर दबाव बनाने के लिए आनंदपाल सिंह के पैतृक गांव ग्राम सांवराद में 12 जुलाई, 2017 को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इस सभा में खूब भीड़ एकत्रित हुई। बड़ी संख्या में लोग मंच पर चढ़ गए और भीड़ को उकसाने वाले भाषण देने शुरू कर दिए।

गुस्से में भीड़ ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। कई पुलिस कर्मियों को चोटें आईं। कुछ पुलिस कर्मियों को अगवा कर एक मकान में बंदी बना लिया गया। भीड़ ने उन पुलिस वालों के सर्विस पिस्टल, मोबाइल फोन और अन्य सामान छीन लिए। अनियंत्रित भीड़ को एसपी नागौर ने समझाने की कोशिश की तो उनके वाहन पर भी हमला कर दिया। कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। एसपी की गाड़ी जला दी गई। कई अन्य वाहन भी फूंक दिए गए।

अंतत: राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई ने आनंदपाल एनकाउंटर मामले में राजस्थान सरकार की सिफारिशों के बाद तीन केस दर्ज किए। पहला मामला आनंदपाल एनकाउंटर से जुड़ा है, दूसरा सांवराद में सभा के दौरान सुरेन्द्र सिंह राठौड़ की मौत और तीसरा राजपूत नेताओं पर दंगा भड़काने, गैर कानूनी तरीके से भीड़ को जमा करने और अपहरण का प्रयास करने के आरोप से जुड़ा है। इस मामले की जांच नई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-2 के डीआईजी जगरूपगुरु सिन्हा के निर्देशन में डिप्टी एसपी मुकेश शर्मा ने पूरी की है। आरोपितों में राजपूत समाज के नेता, वकील और आंनदपाल की बेटी भी शामिल हैं। जल्द ही इन सभी की गिरफ्तारी भी हो सकती है।

 


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