नई दिल्ली, 02 जुलाई (हि.स.)। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कई रक्षा सौदों में जांच का सामना कर रहे व 2018 से फरार हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया है। आरोप है कि भंडारी ने गुजरात में एक कोरियाई कंपनी सैमसंग इंजीनियरिंग कोर्पोरेशन लिमिटेड को तेल रिफाइनरी का ठेका दिलाने के लिए सरकारी अधिकारियों को प्रभावित किया और बदले में सैमसंग से करीब 50 लाख डॉलर कमीशन लिया है।
सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ के अनुसार, 20 अप्रैल, 2007 को ओएनजीसी ने गुजरात के दहेज में ऑयल रिफाइनरी के लिए कॉन्ट्रैक्ट निकाला था, जिसके लिए बोली लगाई गई थी। अधिकारियों ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित भंडारी की सैनटेक इंटरनेशनल एफजेडसी ने कोरियाई कंपनी के सीनियर मैनेजर हांग नामकूंग और ब्रिटेन स्थित फोस्टर व्हीलर एनर्जी लिमिटेड के साथ मिलकर गुजरात के दहेज में ओएनजीसी पेट्रो एडिशंस लि. (ओपीएएल) के डीएफसीयू प्रोजेक्ट में रिफाइनरी का ठेका एकमुश्त करीब 6.644.32 करोड़ रुपये के लिए दिया गया और यह अनुबंध 10 फरवरी, 2009 को हस्ताक्षरित किया, जोकि शर्तों के बाहर जाकर था।
आरोप है कि इसमें कोरियाई कंपनी सैमसंग ने भंडारी के दुबई के खाते में 49.99 लाख डॉलर कमीशन के तौर पर दिए। इसका पता चलने पर अब सीबीआई ने भंडारी, उसकी कंपनी सैनटेक और कोरियाई कंपनी सैमसंग के अलावा उसके अधिकारी और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इससे पहले सीबीआई ने जून 2019 में एयरफोर्स को 75 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट दिलाने के नाम पर कमीशन लेने के आरोप का मामला दर्ज किया था। आरोप है कि संजय भंडारी ने अपनी कंपनी ओआईएसपीएल के जरिए ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट देने वाली कंपनी Pilatus Aircrats Ltd के साथ मिलकर यह कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया। बदले में Pilatus ने संजय भंडारी को 350 करोड़ रुपये दिए।
उल्लेखनीय है कि संजय भंडारी आर्म्स डीलर है और रॉबर्ट वाड्रा का काफी करीबी माना जाता है। दिल्ली पुलिस ने भी संजय भंडारी के खिलाफ 2016 में ओएसटी का मामला दर्ज किया था, क्योंकि जब इनकम टैक्स ने संजय भंडारी के यहां छापेमारी की थी तो डिफेंस डील से जुड़े काफी अहम दस्तावेज बरामद हुए थे। इसके अलावा ईडी ने भी संजय भंडारी के खिलाफ मनीलॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था और 26 करोड़ की संपत्ति भी अटैच की थी।