बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड : सीबीआई ने पूछताछ के लिए विधायक के चालक को बुलाया

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रणवीर सेना सुप्रीमो ब्रहमेश्वर सिंह उर्फ मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने पत्र देकर बुलाए गए रविकांत दूबे की पत्नी प्रीति देवी लाखनडिहरा पंचायत के वार्ड नम्बर चार की वार्ड सदस्य है।



आरा,15 दिसम्बर(हि. स).।नब्बे के दशक में हिंसा- प्रतिहिंसा को लेकर देश और पूरी दुनिया में सुर्खियों में रही सवर्णों की निजी सेना रणवीर सेना के सुप्रीमो बरमेश्वर मुखिया की वर्ष 2012 में हत्या के वर्षों बाद भी सीबीआई हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी है। समय – समय पर बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड की जांच को लेकर सीबीआई की टीम आरा आती रही है और भोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से जांच के बिंदु पर विचार- विमर्श कर वापस चली गई है। बावजूद इसके सीबीआई के हाथ अभी तक कुछ ठोस हासिल नहीं हो सका है।

रणवीर सेना सुप्रीमो बरमेश्वर मुखिया के हत्यारों तक पहुंचने की उम्मीद लगाए बैठी सीबीआई की टीम एक बार फिर सक्रिय हुई है और तत्कालीन विधायक सुनील पाण्डेय की गाड़ी के उस समय चालक रहे बक्सर जिले के डुमरांव स्थित लाखन डीहरा निवासी रविकान्त दुबे को सीबीआई कार्यालय पटना में 16 दिसम्बर सोमवार को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।

बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड के जांच अधिकारी और सीबीआई के डीएसपी एस सी वी दीक्षित ने 12 दिसम्बर को एक पत्र जारी किया है जिसमें लाखन डीहरा निवासी स्व.बिंदेश्वरी दुबे के पुत्र रविकान्त दुबे को 16 दिसम्बर को साढ़े दस बजे सीबीआई कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। पत्र मिलने बाद रविकान्त दुबे के परिवार में हड़कंप मच गया है। रविकांत के अनुसार वर्ष 2012 में आरा में मुखिया जी की हत्या हुई थी। तब वह तत्कालीन विधायक सुनील पाण्डेय की गाड़ी का चालक था। रविकांत की पत्नी लाखनडिहरा पंचायत की वार्ड मेम्बर है।

रणवीर सेना सुप्रीमो ब्रहमेश्वर सिंह उर्फ मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने पत्र देकर बुलाए गए रविकांत दूबे की पत्नी प्रीति देवी लाखनडिहरा पंचायत के वार्ड नम्बर चार की वार्ड सदस्य है। सीबीआई का पत्र मिलने के बाद वह भी डरी हुई है। बता दें कि मुखिया हत्याकांड की जांच के सिलसिले में सीबीआई की टीम अगस्त में आरा पहुंची थी।

सीबीआई टीम में शामिल अफसरों ने भोजपुर के एसपी के साथ इस केस के हर बिन्दु के बारे में चर्चा की थी। साथ ही मुखिया हत्याकांड से जुड़ी सभी पुरानी फाइलों को भी खंगाला था। घटना के बाद मोबाइल डाटा व कुछ नंबरों की सीडीआर भी निकाली गई थी। रविकांत दुबे के अनुसार वह तरारी के पूर्व विधायक सुनील पाण्डेय की पिछले 12 सालों तक गाड़ी चलाने का कार्य किया था। किन्तु वर्ष 2012 में रणवीर सेना सुप्रीमो बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने सुनील पाण्डेय से दूरी बना ली और उनकी गाड़ी के चालक का कार्य छोड़ दिया। उसके बाद से उसने वहां गाड़ी चलाना छोड़ दिया था। फिलहाल वह गांव में खेतीबाड़ी व अन्य रोजी-रोजगार में जुट गया है।
अब जबकि सीबीआई की टीम ने उसे पटना स्थित सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए तलब किया है तो उसके हाथ -पांव फूलने लगे हैं। उसकी पत्नी वार्ड सदस्य सहित अन्य परिजनों के बीच भी भय व्याप्त हो गया है।

 


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