कोलकाता, 26 सितम्बर (हि.स.)। नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की है। इस मामले में एक फर्जी कंपनी के गैरकानूनी कारोबार को मदद देने की एवज में रिश्वत लेने के आरोपित आईपीएस एसएमएच मिर्जा को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।
गुरुवार सुबह निजाम पैलेस स्थित जांच एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने के लिए एसएमएच मिर्जा को समन भेजा गया था। उसी के मुताबिक वह पहुंचे थे। उनकी आवाज के नमूने रिकॉर्ड करने के बाद सीबीआई ने उनसे कई सवाल पूछे जिसके जवाब में विसंगतियां होने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया। सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौड़ ने बातचीत में मिर्जा की गिरफ्तारी की पुष्टि की। अब उन्हें सीबीआई की हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी।
क्या है नारद स्टिंग ऑपरेशन और मिर्जा की भूमिका
साल 2014 में स्टिंग ऑपरेशन को नारद न्यूज़ पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने अंजाम दिया था। सैमुअल एक फर्जी कंपनी के निदेशक बनकर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं, मंत्रियों और सांसदों से मिले थे। उन्होंने अपनी फर्जी कंपनी के गैरकानूनी कारोबार को फैलाने के लिए मदद मांगी थी और इसके एवज में रिश्वत की पेशकश की थी। उनके कैमरे पर कई नेता नोटों की गड्डियां लेकर उनकी फर्जी कंपनी को कारोबार में मदद करने का आश्वासन देते हुए कैद हुए थे। इनमें कोलकाता के वर्तमान मेयर और राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम, पूर्व मेयर शोभन चटर्जी, तृणमूल सांसद सौगत रॉय, अपुरूपा पोद्दार समेत कई और नेता शामिल थें।
स्टिंग ऑपरेशन करने वाले सैमुअल तत्कालीन तृणमूल महासचिव मुकुल राय के पास भी पहुंचे थे। उन्होंने भी कैमरे पर सैमुअल की कंपनी को मदद का आश्वासन दिया था लेकिन रुपये नहीं लिए थे। घूस के रुपये देने के लिए उन्होंने फर्जी कंपनी के निदेशक बने मैथ्यू सैमुअल को बर्दवान के तत्कालीन एसपी आईपीएस एसएमएच मिर्जा के पास जाने को कह दिया था। तब सैमुअल मिर्जा के पास पहुंचे थे।
2016 में जारी किए गए स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में देखा जा सकता है कि मिर्जा ने हिडेन कैमरे पर पांच लाख रुपये घूस लिए और दावा किया था कि सत्तारूढ़ तृणमूल के शीर्ष नेताओं तक उनकी पहुंच है। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी में किसे कब मंत्री बनाया जाएगा और किसे टिकट मिलेगा यह भी तय करने की क्षमता उनकी है। उन्होंने फर्जी कंपनी के अवैध कारोबार को फैलाने में मदद का आश्वासन दिया था। 2016 में स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो विधानसभा चुनाव से ऐन पहले जारी किया गया था जिसके बाद राज्य की राजनीति में हलचल मच गई थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की जांच सीबीआई कर रही है। तृणमूल के 12 नेताओं और मंत्रियों तथा एसएमएच मिर्जा समेत 13 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। खबर है कि जल्द ही इस मामले में सीबीआई चार्जशीट पेश करने वाली है। इसके पहले एसएमएच मिर्जा को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया है।