नई दिल्ली, 01 सितम्बर (हि.स.)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के एक पूर्व उपायुक्त को गिरफ्तार कर उसकी कार से रिश्वत के एक लाख रुपये बरामद किए हैं। साथ ही इसी मामले में सीमा शुल्क हाउस के एक एजेंट और एक अन्य व्यक्ति के यहां सीबीआई ने छापा मारा और उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया। छापे में इन तीनों के दिल्ली स्थित ठिकानों से कई गुप्त दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ ने बताया कि मंगलवार को रिश्वत मामले में जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें सेवानिवृत्त उपायुक्त महेश कुमार शर्मा (पूर्व सीबीआईसी डिप्टी कमिश्नर), कस्टम हाउस एजेंट सुनील कुमार और खिलौने के एक आयातक मनोज डांग शामिल हैं। दरअसल, इन आरोपियों ने खिलौने की एक खेप को छोड़ने के लिए कहा था कि अगर उन्हें दो लाख रुपये की रिश्वत मिल जाए तो अधिकारियों से कहकर उनका कार्य आसान कर दिया जाएगा। खिलौना व्यापारी एक लाख की रिश्वत देने को राजी हो गया। उसके बाद इस मामले की उसने सीबीआई से शिकायत कर दी। सीबीआई ने लोक सेवकों को प्रेरित करने के षड्यंत्र के आरोपों में मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू की।
सीबीआई के अनुसार आरोप है कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के पूर्व उपायुक्त महेश कुमार शर्मा ने अन्य दोनों आरोपियों के साथ मिलकर सीमा शुल्क विभाग में अपने प्रभाव का उपयोग किया और निश्चित समय-स्थान पर मंगलवार को एक लाख रुपये की रिश्वत ले ली। इसी दौरान सीबीआई ने योजना के तहत शर्मा को दबोच लिया। उनकी कार से रिश्वत के एक लाख रुपये भी बरामद हो गए। इसके बाद दो अन्य आरोपियों कस्टम हाउस एजेंट सुनील कुमार और खिलौना व्यापार से जुड़े मनोज डांग के यहां सीबीआई ने छापे मारे। दिल्ली स्थित उनके आवास से कई ऐसे दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिससे यह बात साबित होती है कि उन्होंने अनुचित लाभ पहुंचाया है। इसके आधार पर सीबीआई ने इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया। आगे की जांच जारी है।