डॉक्यूमेंटेशन आइडेंटिफिकेशन नंबर से पहले ही दिन 17500 नंबर हुए जनरेट : सीबीडीटी

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वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक लॉन्च होने के पहले ही दिन 17,500 नंबर जनरेट किए जा चुके हैं।



नई दिल्‍ली, 02 अक्‍टूबर (हिस)। केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड का डॉक्‍यू‍मेंटेशन आइडेंटिफिकेशन नंबर सिस्‍टम (डीआइएन) 01 अक्‍टूबर,2019 से काम करना शुरू कर दिया है। सरकार ने डॉक्यूमेंटेशन आइडेंटिफिकेशन नंबर फेसलेस असेसमेंट के लिए लॉन्च किया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक लॉन्च होने के पहले ही दिन 17,500 नंबर जनरेट किए जा चुके हैं।
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि सिर्फ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर हर तरह का कम्युनिकेशन डीआईएन की सहायता से ही होगा। वित्त मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि डीआईएन सिस्टम वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के निर्देशन में तैयार किया गया है। अब सभी सीबीडीटी कम्युनिकेशन में एक डॉक्यूमेंटेशन आइडेंटिफिकेशन नंबर होना चाहिए। साथ ही वित्त मंत्रालय ने कहा कि डीआईएन सिस्टम आयकर प्रशासन में उच्च स्तर की पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करेगा।
राजस्व सचिव ने कहा कि यदि इसके बिना किसी तरह की बातचीत करने की जरूरत हुई तो इसके लिए आयकर विभाग के चीफ कमिश्‍नर या डायरेक्टर जनरल से लिखित में अनुमति लेनी पड़ेगी। इसके बगैर किसी भी तरह के कम्युनिकेशन को अवैध करार दिया जाएगा। साथ ही पांडे ने यह भी कहा कि अब से डीआईएन के साथ सभी कम्युनिकेशन ई-फाइलिंग पोर्टल पर सत्यापन योग्य होंगे, जिसको सिवाय विशेष परिस्थितियों के कोई भी कम्युनिकेशन बिना डीआईएन के मैन्युअल रूप से जारी नहीं किया जाएगा।
उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले वित्‍तमंत्री ने आयकर अधिकारियों द्वारा टैक्‍सपेयर्स को परेशान करने की खबरों पर एक पारदर्शी व्‍यवस्‍था विकसित करने की बात कही थी, सीबीडीटी ने कहा था कि अक्टूबर से आयकर विभाग अब सभी तरह का कम्युनिकेशन एक डीआइएन नंबर की सहायता से करेगा। सीबीडीटी ने यह कदम पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उठाया है।

 


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