सीबीडीटी ने आयकर ऑडिट रिपोर्ट में जीएसटी और गार रिपोटिंग मार्च 2021 तक टाला
नई दिल्ली, 27 अप्रैल (हि.स.)। आयकर विभाग ने कंपनियों के लिए सोमवार को बड़ी राहत का ऐलान किया है। विभाग ने कंपनियों की ओर से उनकी आयकर की ऑडिट रिपोर्ट में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) और गार के लिए ब्योरे को शामिल करने की जरूरत को लगातार तीसरी बार आगे के लिए टाल दिया है।
आयकर विभाग ने ट्वीट करके दी गई जानकारी में कहा है कि कंपनियों को अब 31 मार्च, 2021 तक जीएसटी और गार का बयोरा अपनी आयकर ऑडिट रिपोर्ट में देने की जरूरत नहीं है। विभाग ने कहा है कि कर आडिट रिपोर्ट में अनुच्छेद 30-सी और अनुच्छेद-44 के तहत रिपोर्टिंग करने की जरूरत को 31 मार्च 2021 तक के लिये टाल दिया जाना चाहिए। आयकर विभाग ने जुलाई 2018 में कर आडिट फार्म-3सीडी में बदलाव किया जिसमें जीएसटी के साथ साथ गार का भी ब्योरा मांगा गया।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ट्वीट कर जारी आदेश में कहा है कि बोर्ड को इस संबंध में परेशानियों को लेकर कई ज्ञापन मिले हैं। वहीं, मौजूदा कोरोना वायरस की महामारी की वजह से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए बोर्ड ने आयकर ऑडिट रिपोर्ट में जीएसटी और सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम (गार) ब्योरे को शामिल करने से 31 मार्च, 2021 तक छूट देने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि इस रिपोर्ट में एक करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाले कारोबारी इकाइयों, अनुमानित कराधान व्यवस्था के तहत कर देने वाली किसी कंपनियों के मामले में दो करोड़ रुपये और 50 लाख रुपये से अधिक की सकल प्राप्ति वाले पेशेवरों को कर आडिट आवश्यकताओं का अनुपालन करना होता है। गौरतलब है कि इस रिटर्न के लिए 30 सितंबर तय तिथि है और यदि करदाता मूल्यांकन हस्तांतरण प्रावधान के तहत आता है तो उसके लिए 30 नवंबर तक का समय है।
उल्लेखनीय है कि यह कदम कंपनियों को कर अदायगी से बचने के लिए अपने सौदों को दूसरे देशों के जरिए दिखाने से रोकने के लिए उठाया गया है। बता दें कि इन बदलावों को 20 अगस्त 2018 से ही अमल में लाया जाना था, लेकिन समय पर इसे अमल में लाने की तिथि आगे बढ़ती रही और अब यह 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी गई है।