नई दिल्ली, 13 जून (हि.स.)। गुड्स एंड सर्विस (जीएसटी) कर प्रणाली के सरलीकरण और उसे और युक्ति संगत बनाने के लिए वित्त मंत्री को एक श्वेत पत्र सौंपा गया। ये पत्र कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने विस्तृत रुप से तैयार किया है, जिसे वित्त मंत्री को कैट प्रतिनिधिमंडल ने महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के साथ मिलकर गुरुवार को नार्थ ब्लॉक कार्यालय में निर्मला सीतारमण को सौंपा।
कैट ने प्रवीण खंडेलवाल के नेतृत्व में सौंप श्वेत पत्र
कैट के प्रतिनिधिमंडल ने अपने राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के नेतृत्व में निर्मला सीतारमण से विभिन्न व्यापारिक मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की। वित्त मंत्री से बात करते हुए खंडेलवाल ने उनसे जीएसटी के तहत विभिन्न कर स्लैब के तहत रखी गई वस्तुओं की समीक्षा करने का आग्रह किया, क्योंकि विभिन्न टैक्स स्लैब में शामिल अनेक वस्तुएं एक दुसरे पर ओवरलैप कर रही हैं। उन्होंने कहा कि नीति के रूप में कच्चे माल की टैक्स की दर तैयार माल की टैकस रेट से अधिक नहीं होनी चाहिए। विभिन्न वस्तुएं जैसे ऑटो पार्ट्स, अल्लुमिनियम बर्तन आदि जो विलासिता की वस्तुएं नहीं हैं, इन्हें 28 फीसदी कर स्लैब से निकाला जाना चाहिए और इन्हें कम कर स्लैब के तहत रखा जा सकता है।
खंडेलवाल ने वित्त मंत्री से फॉर्म जीएसटीआर-9 और 9-सी को सरल बनाने का भी आग्रह किया, क्योंकि ये फॉर्म विभिन्न प्रकार के विवरण मांगते है जो पहले कर प्रणाली में निर्धारित नहीं थे। इसलिए व्यापारी इसका अनुपालन करने में असमर्थ हैं।
कैट को उनके मुददों पर वित्त मंत्री ने विचार का आश्वासन
खंडेलवाल ने यह भी कहा कि मूल घोषणा के अनुसार, गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों को व्यापारियों को वित्त देने के लिए मुद्रा योजना में शामिल किया जाना चाहिए। वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह कैट द्वारा उठाए गए मुद्दों की ध्यानपूर्वक समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाएंगी। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार का इरादा निश्चित रूप से टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाना है, ताकि अधिक से अधिक लोग आसानी से उसी का अनुपालन कर सकें।