नई दिल्ली, 15 दिसम्बर (हि.स.)। अमेरिकी अदालत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ 100 मिलियन डॉलर का मुकदमा ख़ारिज कर दिया है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने, अनुच्छेद 370 खत्म करके राज्य के विशेष विशेषाधिकार को खत्म करने के फैसले को अमेरिकी अदालत में चुनौती दी गई थी। इतना ही नहीं मोदी, शाह और लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का मुआवजा मांगा था।
यह मुकदमा कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट ने ह्यूस्टन, टेक्सास में हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐतिहासिक ’हाउडी मोदी’ कार्यक्रम से पहले 19 सितम्बर, 2019 को दायर किया था। मुकदमे में भारतीय संसद के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें पिछले साल जम्मू-कश्मीर का विशेष विशेषाधिकार समाप्त करके अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। मुकदमे में प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री शाह और लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का मुआवजा मांगा गया था। ढिल्लों वर्तमान में रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के अधीन एकीकृत रक्षा स्टाफ के उप प्रमुख पद पर कार्यरत हैं।
दक्षिणी टेक्सास के जिला न्यायाधीश फ्रैंक्स स्टेसी ने अपने आदेश में कहा कि कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट को इस मामले में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पहली बार 2 अगस्त को और दूसरी बार 6 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का मौका दिया गया था। इसके बावजूद दोनों पेशियों में अलगाववादी कश्मीर खालिस्तान संगठन और दो सहयोगी अदालत में पेश नहीं हुए। इस पर अमेरिका के जिला न्यायालय दक्षिणी टेक्सास के न्यायाधीश फ्रांसिस एच स्टेसी ने 6 अक्टूबर को दिए अपने आदेश में इस मामले को खारिज करने की सिफारिश कर दी। अदालत ने कहा कि कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट के अलावा अन्य दो शिकायतकर्ताओं की पहचान नहीं की गई है। अदालत में मुकदमा दाखिल करने वालों का प्रतिनिधित्व अलगाववादी वकील गुरपतवंत सिंह पन्नून ने किया था।
अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट 18 फरवरी, 2020 को ह्यूस्टन में भारतीय वाणिज्य दूतावास में मोदी, शाह और ढिल्लों को समन प्रदान करने में सक्षम था। न्यायाधीश स्टेसी ने कहा कि कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट अदालत में उपस्थित होने में विफल रहे, इसलिए उन्होंने सिफारिश की कि मुकदमा खारिज कर दिया जाए। इस पर टेक्सास में यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज एंड्रयू एस हेनेन ने 22 अक्टूबर, 2020 को यह मुकदमा खारिज कर दिया था।