नई दिल्ली, 07 अगस्त (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में महिलाएं बाहर से ज्यादा घर में ही असुरक्षित हैं। इसका खुलासा दिल्ली पुलिस के द्वारा जारी आंकड़ों से हुआ है। महिलाओं से दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाओं में जहां इस साल मामूली कमी आई है। वहीं उनके साथ होने वाली घरेलू हिंसा का ग्राफ तेजी से बढ़ता दिखाई दिया है। दुष्कर्म की घटनाओं में भी अधिकतर मामलों में आरोपित पीड़ित के परिचित ही निकले हैं। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता अनिल मित्तल ने बताया कि सड़क पर होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं में इस साल कमी आई है। छात्राओं से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो इसके लिए दिल्ली पुलिस के जवान और महिला पुलिसकर्मियों को स्कूल और कॉलेज के पास गश्त के लिए लगाया गया है।
ज्यादा महिलाएं हो रहीं घरेलू हिंसा का शिकार
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों को देखें तो महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा ज्यादा हुई है, जो बेहद चिंताजनक है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस तरह के अपराध को पुलिस रोक नहीं सकती क्योंकि इसे घर के अंदर अंजाम दिया जाता है। पुलिस केवल शिकायत मिलने पर ही इसे लेकर कार्रवाई कर सकती है। यही वजह है कि घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जो न केवल पुलिस बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय है।
काउंसलिंग फेल होने से बढ़ रहे मामले
अनिल मित्तल ने बताया कि महिलाओं को जागरूक करने के लिए पुलिस कई तरह के कार्यक्रम चलाती है। उन्हें बताया जाता है कि घरेलू हिंसा के प्रति अपनी चुप्पी तोड़े ताकि पुलिस समय रहते उनकी मदद कर सकें। महिलाएं जब घरेलू हिंसा की शिकायत करती हैं तो उस पर दोनों पक्षों की काउंसलिंग की जाती है। ऐसे में काउंसलिंग फेल हो जाती है तो इसे लेकर एफआईआर दर्ज की जाती है।
97 फीसदी दुष्कर्म में परिचित शामिल
दिल्ली पुलिस के द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म की 97 फीसदी वारदातों को अंजाम देने वाले पीड़िता के परिचित ही निकले हैं। ऐसी वारदातों को दोस्तों, रिश्तेदारों, ऑफिस के साथी, पड़ोसियों या शादी का झांसा देकर प्रेमी द्वारा अंजाम दिया गया है। दुष्कर्म के करीब 30 फीसदी मामले शादी से मुकरने के चलते दर्ज किए जा रहे हैं।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हैं गंभीर
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस गंभीरता से काम करती है। पुलिस लगातार छात्राओं और महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही है। इसके अलावा उनके साथ अपराध करने वालों पर सख्त कार्रवाई भी कर रही है।
महिला अपराध के आंकड़े (15 जुलाई तक)
अपराध——-साल 2018—-साल 2019
दुष्कर्म- 1185 1176
छेड़छाड़- 1780 1589
घरेलू हिंसा- 1471 1936
फब्ती कसना- 349 242