पटना 12 अक्टूबर (हि.स.) । बिहार विधानसभा के चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों के हलफनामे से कई अजीबो-गरीब खुलासे हो रहे हैं। इन हलफनामों से वैसे-वैसे खुलासे हो रहे हैं कि खुद विज्ञान भी हैरान है। किसी प्रत्याशी की उम्र चुनाव दर चुनाव कम हो रही है तो किसी की उम्र मानों ठहर -सी गई है। इतना ही नहीं ,कई प्रत्याशी तो ऐसे हैं भी कि उनकी उम्र की रफ्तार समय से भी तेज है। अब इसे चुनाव में उम्र घोटाला कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।
बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। इसमें प्रत्याशियों के हलफनामों में उनकी उम्र को लेकर अजग-गजब जानकारियां भरी पड़ी हैं। कुछ अपनी उम्र कम तो कुछ अधिक बता रहे हैं।
दिनारा विधानसभा क्षेत्र से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) उम्मीदवार जयकुमार सिंह तीन बार के विधायक हैं। इस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री भी हैं। उनकी उम्र पांच साल में ही 10 साल बढ़ गई है। वर्ष 2015 के चुनाव में उनके हलफनामे के अनुसार उनकी उम्र 46 साल थी। इस बार के हलफनामे में उन्होंने अपनी उम्र 56 साल बताई है। खास बात यह है कि बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर उनकी जन्म तिथि एक मार्च, 1963 है। इसे सही मानें तो उनकी उम्र 57 साल, सात महीने होनी चाहिए। जदयू के टिकट पर सूर्यगढ़ा से प्रत्याशी बने रामानंद मंडल ने अपने हलफनामे में 55 वर्ष की उम्र बताई है। हालांकि पांच साल पहले पिछले चुनाव में जब वे लखीसराय सीट से खड़े हुए थे, उन्होंने उम्र 47 साल बताई थी। इस तरह पांच साल में वे आठ साल बढ़े हैं।
कुछ यही हाल बाढ़ सीट से भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह उर्फ़ ज्ञानु का भी है। पिछली बार भी वे यहीं से विधायक बने थे। बीते विधानसभा चुनाव के दौरान हलफनामे के अनुसार उनकी उम्र 51 साल थी, जो पांच साल बाद 61 साल हो गई है। बिहार विधानसभा की वेबसाइट के अनुसार भी उनकी उम्र 61 साल ही होनी चाहिए। वहां उनकी जन्मतिथि 19 जून, 1959 बताई गई है। भाजपा के बृजकिशोर बिंद पिछले दो चुनावों से चैनपुर सीट से विधायक बन रहे हैं। इस बार भी वे चैनपुर से प्रत्याशी हैं। बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर उनकी जन्मतिथि एक जनवरी, 1966 को सही मानें तो अभी उम्र 54 साल, नौ महीने होनी चाहिए, लेकिन वर्ष 2015 के चुनाव में दाखिल उनके हलफनामे में उनकी उम्र 56 साल बताई गई थी, तो इस बार 61 साल बताई जा रही है। राजद के सरोज यादव ने तो कमाल ही कर दिया है। बड़हरा सीट से प्रत्याशी सरोज यादव बड़हरा के विधायक भी हैं। वर्ष 2015 के उनके हलफनामे के अनुसार वे 33 साल के थे जबकि इस चुनाव में उन्होंने अपनी उम्र का रिवर्स गियर लगाते हुए खुद को महज 30 साल का बताया है। सरोज यादव ने जब उम्र का रिवर्स गियर लगाया तो महागठबंधन में उनके सहयोगी दल कांग्रेस के कुटुम्बा सीट से प्रत्याशी राजेश कुमार भला क्यों पीछे रहते? बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर उनकी जन्मतिथि 28 जनवरी, 1976 है जिसके अनुसार वे 53 साल, आठ महीने के हैं। हालांकि, चुनावी हलफनामे में वे 51 साल के ही हैं। जदयू के कुर्था से प्रत्याशी सत्यदेव सिंह की जन्मतिथि विधानसभा की वेबसाइट पर 20 जून, 1950 है। इसके अनुसार वे 70 साल से अधिक के हो चुके हैं। लेकिन इस चुनाव में हलफनामा के अनुसार वे केवल 61 साल के हैं। पिछले चुनाव में भी उन्होंने अपनी उम्र 56 साल बताई थी। अब या तो विधानसभा की वेबसाइट पर गलत जानकारी है या हलफनामे में गलती हुई है। कहा जाता है कि महिलाएं उम्र छिपाती हैं। भाजपा की निक्की हेम्ब्रम ने शायद इसे सही साबित किया है। वे कटोरिया सीट से प्रत्याशी हैं। पिछले चुनाव के अपने हलफनामे में उन्होंने अपनी उम्र 42 साल बताई थी, और पांच साल बाद भी चुनावी हलफनामा में उनकी उम्र 42 साल ही है।