कैट ने कारोबारियों को सीलिंग से राहत देने के लिए प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी

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कैट ने मोदी को रविवार को लिखे पत्र में अनधिकृत कॉलोनी को नियमित किये जाने का स्वागत किया है।



दिल्‍ली, 23 दिसम्‍बर (हि.स.)। कारोबारियों का संगठन कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के 10 लाख से ज्‍यादा व्यापारियों को सीलिंग से बचाने के लिए राहत योजना ‘एमनेस्‍टी स्‍कीम’ लाने का आग्रह किया है।
कैट ने मोदी को रविवार को लिखे पत्र में अनधिकृत कॉलोनी को नियमित किये जाने का स्वागत किया है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने व्यापारियों द्वारा दिल्ली में 1731 अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण का स्वागत किया है। उन्‍होंने कहा कि इससे न केवल 40 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा, बल्कि 3 लाख से अधिक गरीब तबके के लोगों की छोटी दुकानों की सुरक्षा भी होगी, जो प्रतिदिन अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की तर्ज़ पर दिल्ली के व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सीलिंग से बचाने के लिए एक राहत योजना ‘एमनेस्‍टी स्‍कीम’ की घोषणा करें, ताकि, 31 दिसंबर, 2019 तक व्यापारिक प्रतिष्ठानों को यथास्थिति में रहने दिया जाए। साथ ही जिन दुकानों को सील किया गया है उनकी सील तुरंत खोली जाए।
कैट ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि व्यापारी 13 साल से सीलिंग से पीड़ित हैं। कैट ने अपने पत्र में आग्रह किया है कि एमनेस्टी योजना के तहत आने वाली दुकानों के संरचित विकास के लिए विकास के मानदंड बनाये जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए सरकार व्यापारियों से कुछ वाजिब शुल्क भी ले सकती है। इसके अलावा कैट ने विकास के मानदंडों के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए सरकार से एक विशेष कार्यबल गठित करने का भी आग्रह किया है।
खंडेलवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित निगरानी समिति ने एमसीडी अधिनियम, 1957 के अनिवार्य प्रावधानों का पालन करने के बजाय अपने स्वयं के नियमों को लागू किया है। कैट का अनुमान है कि साल 2007 से राजधानी दिल्ली में 7000 से अधिक दुकानें सील की गई हैं।

 


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