कोरोना वायरस के प्रभाव पर पीएम से जीएमओ गठित करने का कैट ने किया आग्रह
नई दिल्ली, 20 फरवरी (हि.स.)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कोरोन वायरस का व्यापार और उद्योग पर पड़ने वाले असर के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर मंत्रियों के एक समूह (जीएमओ) का गठन करने का आग्रह किया है। ये जानकारी कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने गुरुवार को दी।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कैट ने उनका ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा है कि चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस की वजह से भारत में व्यापार, लघु उद्योग और आपूर्ति पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को देखते हुए जीएमओ का गठन किया जाए, जो इस स्तिथि पर पैनी नजर रख सके।
खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से चीन का भारत के व्यापार और लघु उद्योग में जड़ें गहरी है, जिसकी वजह तैयार माल की आपूर्ति, छोटे उद्योगों द्वारा जरूरी कच्चे माल का आयात और बड़ी मात्रा में विभिन्न वस्तुओं के स्पेयर पार्ट्स तथा विभिन्न इकोईयों द्वारा असेम्बलिंग सामान का बड़े पैमाने पर चीन से भारत में आयात होता रहा है। दुर्भाग्य से चीन से आयातित सामान सस्ता होने की वजह से भारतीय आयातकों ने विश्व में किसी भी अन्य देश से आयात का वैकल्पिक स्रोत नहीं खोजे।
कैट महासचिव का कहना है कि ऐसे समय में जब चीन में व्यापार और उद्योग बंद हो गए हैं और सभी तरह के निर्यात पूरी तरह से प्रभावित है। ऐसे में हमारे देश की आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान पैदा हो सकता है। इसको देखते हुए कैट ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वे मंत्रियों का एक समूह गठित करें, जो निर्बाध रूप से आपूर्ति को सुनिश्चित कर सभी पहलुओं पर गौर कर सके और उत्पादन क्षमता के तत्काल विस्तार के लिए आवश्यक सुविधाएं देने के लिए आकलन कर उद्योगों की प्रोडक्शन क्षमता को बढ़ाने पर गम्भीरतापूर्वक विचार करे।
कैट ने प्रधानमंत्री से ये भी आग्रह किया है कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में उत्पादन सुविधाओं को स्थापित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रोत्साहित करके विश्व में भारत को चीन का विकल्प बनाने पर विचार कर जरूरी कदम उठाए। साथ ही कैट ने व्यापारियों और छोटे उद्योगों की उत्पादन क्षमता को मजबूत करने के लिए एक पैकेज प्रदान करने के लिए तत्काल कदम उठाने की भी मांग अपने पत्र के जरिए किया है। इसके अलावा कैट ने इस मुद्दे पर देशभर के 7 करोड़ व्यापारियों को सहयोग का आश्वासन संगठन की ओर से दिया है।