नई दिल्ली, 06 अक्टूबर (हि.स.)। अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी है। सीसीआई ने कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश जो दिल्ली व्यापर महासंघ की याचिका पर दिया था उसको चुनौती दी है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को सीसीआई के इस फैसले का स्वागत किया है।
गौरतलब है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीसीआई को अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच करने के लिए प्रतिबंधित करने का अंतरिम आदेश दिया था। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ सीसीआई की कानून के भीतर व्यापार करने की अपील बेहद तार्किक और बहुप्रतिक्षित कदम है।
खंडेलवाल ने कहा कि ये ई-कॉमर्स कंपनियां गत अनेक वर्षों से ऑनलाइन व्यापार अपने मनमाने तरीके, जिसमें लागत से कम मूल्य निर्धारण, भारी डिस्काउंट, ब्रांड्स के साथ विशेष व्यवस्था और इन्वेंट्री पर अपना नियंत्रण रखना आदि कुप्रथाओं को जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा कि कारोबारी संगठन कैट पिछले दो साल से ज्यादा समय से अमेजन और वॉलमार्ट दोनों के खिलाफ देशभर में अभियान चलाए हुए है।
कैट महामंत्री ने कहा कि जल्द ही कैट आगामी त्योहारी सीजन में इन कंपनियों के किसी भी तरह की फेस्टिवल सेल पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार को अपना प्रतिवेदन देगी। खंडेलवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट निश्चित रूप से सीसीआई की याचिका का संज्ञान लेगा। लेकिन, दूसरी ओर उन्होंने भारत सरकार से ई-कॉमर्स कारोबार को विनियमित और निगरानी करने के लिए एक रेग्युलेटरी अथॉरिटी सहित ई-कॉमर्स नीति की तुरंत घोषणा करने की मांग की है।