नई दिल्ली, 21 सितंबर (हि.स.)। मीडिया के एक खुलासे में अमेजन व्हिसलब्लोअर ने आरोप लगाया है कि भारत के वकीलों ने अधिकारियों को रिश्वत दी है। इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को सोमवार को एक पत्र भेजा है।
कैट ने कहा कि वो अलग से गैरी जेनसेटर अध्यक्ष, यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन जो अमरीकी क़ानून एफ़सीपीए की जांच संस्था है और अमेजन बोर्ड की कॉरपोरेट गवर्नेंस कमेटी को इस सनसनीखेज खुलासे की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराये जाने की मांग कर रहा है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सीबीआई जांच में उन अधिकारियों की पहचान कर उनके नामों को भी सार्वजनिक करने की मांग की है, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार को समाप्त करने की घोषणा के विपरीत काम करने का दुस्साहस किया है। खंडेलवाल ने कहा कि ऐसे अधिकारी जो इस रिश्वत कांड में शामिल हैं, उन पर दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि अन्य अधिकारी ऐसा करने का दुसाहस न कर सकें।
खंडेलवाल ने पीयूष गोयल को भेजे पत्र में कहा है कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि ये खबर एक सनसनीखेज तथ्य को उजागर करती है, जिसमें लिखा है कि अमेजन के वकीलों ने सरकारी अधिकारियों को ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत दी है। वो भी ऐसे समय में जब सीसीआई और ईडी अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि ये खबर ने निश्चित रूप से सरकारी अधिकारियों को जांच के घेरे में ला खड़ा किया है। इसलिए तत्काल सीबीआई जांच की आवश्यकता है और जांच होने तक अमेजन को अपने ई-कॉमर्स पोर्टल और अन्य संबंधित गतिविधियों को निलंबित करने का निर्देश भी दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह भी पता लगाया जाए कि कथित रिश्वतखोरी का संबंध अमेजन द्वारा कानून और नियमों के निरंतर उल्लंघन से संबंधित है या नहीं। क्योंकि इस खबर में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बात अमेजन ने स्वयं मानी है। इसलिए भारतीय ई-कॉमर्स बाजार और खुदरा व्यापार को उनके अनुचित प्रभाव, प्रभुत्व के दुरुपयोग और सरकारी अधिकारियों के साथ मिली भगत से बचाने के लिए उपरोक्त कदम उठाना बहुत जरूरी है।
कैट महामंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के भीतर सभी स्तरों पर व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए हमेशा स्पष्ट रहे हैं। लेकिन, अगर खबर सच है तो यह प्रधानमंत्री की पहल के लिए एक बड़ा झटका होगा कि सरकार की नाक के नीचे अधिकारी रिश्वत के बदले अपने स्वार्थ के लिए अमेजन का बचाव कर रहे हैं या उसको लाभ दे रहें हैं। इसलिए सीबीआई को इसके सभी पहलुओं की जांच एक तय समय-सीमा में करना जरूरी है। इसकी मांग कारोबारी संगठन सरकार से पुरजोर तरीके से कर रहा है।