नई दिल्ली, 17 नवंबर (हि.स.)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रतिबंधित पदार्थ गांजा बेचने के लिए ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के मंच के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से संपर्क किया है। अमेजन ने भी अपने स्तर पर मामले की जांच करने की बात कही है।
कारोबारी संगठन कैट ने बुधवार को एनसीबी के निदेशक को एक पत्र भेजकर मामले को तत्काल संज्ञान में लेने का आग्रह किया। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए अवैध गतिविधियों में अमेजन की संलिप्तता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस कानून एवं भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मामले की जांच होनी चाहिए।
खंडेलवाल ने कहा कि अमेजन यह पता लगाने में कैसे असमर्थ रहा कि उसके प्लेटफॉर्म पर क्या बेचा जा रहा है, जो एक बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि अमेजन न केवल सक्रिय रूप से इस रैकेट को सहायता प्रदान कर रहा है बल्कि अपने पोर्टल के माध्यम से गांजा की तस्करी में सक्रिय रूप से शामिल है। कैट महामंत्री ने कहा कि अमेजन ने एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20 (बी) का उल्लंघन किया है, जिसके तहत ‘उत्पादन, निर्माण, स्वामित्व, बिक्री, खरीद, परिवहन, अंतर-राज्य आयात, अंतर-राज्य निर्यात या भांग का उपयोग करना दंडनीय है।’
इस मामले पर ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इंडिया ने कहा कि वह इस मामले की जांच कर रही है। अमेजन इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि इसके बारे में हमें बताया गया है, जिसकी हम जांच कर रहे हैं कि क्या विक्रेता की ओर से कोई गलत काम किया गया है। उन्होंने बताया कि हम जांच अधिकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं और कानून का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश में भिंड पुलिस ने एक ऑनलाइन गांजा बिक्री रैकेट का भंडाफोड़ किया था। इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से 20 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किया गया। मामले की जांच कर रहे अधिकारी के मुताबिक आरोपित एक प्रमुख ई-कॉमर्स फर्म के जरिए रैकेट का संचालन कर रहे थे, जिसे मुनाफे में हिस्सा मिलता था।