राष्ट्रपति से लेकर सांसदों के वेतन में 30 प्रतिशत कटौती, सांसद निधि भी दो साल के लिए स्थगित
नई दिल्ली, 06 अप्रैल (हि.स.)। देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के प्रयासों के बीच राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर सभी मंत्री, सभी सांसदों समेत राज्यों के राज्यपालों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती करने का बड़ा फैसला किया गया है। राष्ट्रपित, उप राष्ट्रपति एवं राज्यपालों से सहमति लेने के बाद मंत्रिमंडल ने इस फैसले पर मुहर लगाई। यह कटौती एक साल के लिए होगी। इसके साथ ही सांसद निधि को भी दो साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। सांसदों की सैलरी में 30 प्रतिशत की कटौती के लिए सरकार आज अध्यादेश लाएगी।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में उनके आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी जो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की गई। इससे पहले 25 मार्च को कैबिनेट की बैठक हुई थी जिसमें सभी मंत्रियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और कुर्सियों पर दूर-दूर बैठे नजर आए थे।
मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, ‘दो साल के लिए सांसद निधि स्थगित कर दी गई है। राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति-राज्यपाल भी 30 फीसद कम सैलरी लेंगे। यह उन्होंने स्वेच्छा से तय किया है।’ उन्होंने बताया कि सांसदों की दो साल की निधि का इस्तेमाल कोरोना से लड़ने के लिए होगा, यह राशि 7900 करोड़ रुपए होगी।
लॉकडाउन खत्म करने वाले सवाल पर जावड़ेकर ने कहा, ‘अभी इसे लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसके लिए गृह मंत्रालय और स्वास्थय मंत्रालय नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना से जुड़े मामलों की जानकारी देते हैं। फिलहाल दुनियाभर में इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। हम हर मिनट इस पर नजर रखे हुए हैं। हमें इस लड़ाई को जीतना होगा। जब सही वक्त आएगा तो लॉकडाउन हटाने को लेकर सूचना दी जाएगी। जावडेकर ने कहा कि कोरोना के संकट से निपटने के लिए देश तैयार है। सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है। लोगों का भी पूरा समर्थन मिल रहा है।