नई दिल्ली, 28 मई (हि.स.)। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित 13 शहरों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए नगर आयुक्तों, जिला मजिस्ट्रेटों के साथ बैठक की। बैठक में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव भी शामिल हुए। इस बैठक का इसलिए महत्व है क्योंकि इन 13 शहरों को कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित माना जा रहा है और देश के लगभग 70 प्रतिशत पॉजिटिव मामले इन शहरों में हैं।
कोविड से सबसे अधिक प्रभावित 13 शहर हैं इनमें मुंबई, चेन्नई, दिल्ली/नई दिल्ली, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता /हावड़ा, इंदौर (मध्य प्रदेश), जयपुर, जोधपुर, चेंगलपट्टू और तिरुवल्लूर (तमिलनाडु) हैं। बैठक में कोविड-19 मामलों के प्रबंधन के लिए अधिकारियों और नगर निगमों के कर्मचारियों द्वारा किए गए उपायों की समीक्षा की गई। केन्द्र सरकार पहले ही शहरी बस्तियों में कोविड-19 के प्रबंधन पर दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है।
इस योजना की मुख्य विशेषताओं में उच्च जोखिम वाले कारकों पर काम करना, पुष्टि दर, घातक दर, दोहरीकरण दर, लोगों की प्रति मिलियन जांच आदि जैसे सूचकांक शामिल हैं। केन्द्र ने जोर देकर कहा है कि नियंत्रण क्षेत्रों को मामलों और संपर्कों की मैपिंग और उनके भौगोलिक विस्तार जैसे कारकों के आधार पर भौगोलिक रूप से परिभाषित किया जाता है। यह एक अच्छी तरह से परिभाषित परिधि का सीमांकन करने और लॉकडाउन के सख्त प्रोटोकॉल को लागू करने में सक्षम होगा।
नगर निगम यह तय कर सकता है कि आवासीय कॉलोनियों, मोहल्लों, नगरपालिका वार्डों या पुलिस-थानाक्षेत्रों, नगरपालिका क्षेत्रों, कस्बों को आवश्यकता अनुसार नियंत्रण जोन के रूप में नामित किया जा सकता है या नहीं।
शहरों को सलाह दी गई है कि इस क्षेत्र को जिला प्रशासन और स्थानीय शहरी निकाय द्वारा स्थानीय स्तर से तकनीकी जानकारी के साथ उचित रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए।