कैबिनेट ने बिजली वितरण कंपनियों को दी राहत, वर्किंग कैपिटल लिमिट बढ़ी
नई दिल्ली, 19 अगस्त (हि.स.)। केंद्र सरकार ने वित्तीय संकट से जूझ रही राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को बड़ी राहत दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल और सीसीईए की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) में शामिल डिस्कॉम्स को कर्ज लेने के लिए वर्किंग कैपिटल की लिमिट के नियमों में ढील दी है। इस छूट के बाद अब ये कंपनियां 90 हजार करोड़ रुपये की लिक्विडिटी इनफ्यूजन स्कीम से लोन ले सकेंगी।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी प्रेस कांफ्रेंस में दी। जावडेकर ने कहा कि कोविड-19 की महामारी और लॉकडाउन की वजह से बिजली की खपत में कमी आई है। वहीं, बिजली कंपनियां बिल कलेक्शन नहीं कर पा रही हैं। इसको देखते हुए मंत्रिमंडल ने पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन (आरईसी) को वर्किंग कैपिटल लिमिट से 25 फीसदी से ज्यादा लोन देने की अनुमति दी है। इससे राज्य वितरण कंपनियों यानी डिस्कॉम्स के पास नकदी बढ़ जाएगी। दरअसल वर्किंग कैपिटल लिमिट पिछले साल के राजस्व की 25 फीसदी है। अब मंत्रिमंडल ने इस लिमिट में छूट दी है।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में डिस्कॉम्स के लिए 90 हजार करोड़ रुपये की लिक्विडिटी इनफ्यूजन की घोषणा की थी। हालांकि कुछ कंपनियां इस पैकेज के तहत लोन हासिल करने के लिए पात्र नहीं थीं, क्योंकि वे उदय योजना के तहत वर्किंग कैपिटल लिमिट की शर्तों को पूरा नहीं कर पा रही थीं। इस योजना के तहत बैंक और वित्तीय संस्थान किसी डिस्कॉम को उसके पिछले साल के रेवेन्यू के 25 फीसदी के बराबर ही वर्किंग कैपिटल दे सकते हैं। लेकिन अब इसमें छूट दे दी गई है।