नई दिल्ली, 07 नवम्बर (हि.स.)। केन्द्र सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर में जान फूंकने को लेकर बड़ी राहत का ऐलान किया है। इसके तहत शुरुआती तौर पर 25 हजार करोड़ रुपये का विशेष कोष बनाया जाएगा।
सरकार के फैसले के अनुसार देशभर में रुके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए सरकार 10 हजार करोड़ रुपये का फंड देगी। कैबिनेट ने मध्यम आय वर्ग के लोगों को घर मुहैया कराने वाली आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर ऋण देकर उन्हें वित्तपोषित करने के लिए ‘विशेष खिड़की’ की स्थापना को मंजूरी दी है। इस निधि से डेवलपर्स को अधूरी परियोजनाएं पूरी करने में मदद मिलेगी और खरीदारों को घर मिलना सुनिश्चित होगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि इस कदम से बड़ी संख्या में मध्यम आयवर्ग के घर खरीददारों को राहत मिलेगी, जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा इन परियोजनाओं में लगाया है। उन्होंने इससे इन परियोजनाओं में फंसी बड़ी धनराशि का अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में उपयोग हो पाएगा। सात ही रोजगार पैदा होंगे, सीमेंट, लोहा और इस्पात उद्योगों को सहारा मिलेगा और अर्थव्यवस्था के अन्य प्रमुख क्षेत्रों में उत्पन्न तनाव कम होगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्तमान में रियल इस्टेट क्षेत्र के 1600 से ज्यादा प्रोजेक्ट निधि नहीं होने के चलते अटके हुए हैं। इन प्रोजेक्ट के रुके होने के कारण करीब 4.58 हाउसिंग यूनिट अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना को लाने से पहले बिल्डर और होमबायर्स के साथ मुलाकात की गई है। यह बैठकें पिछले दो महीने से जारी हैं। इसके अलावा बैंक और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से भी बातचीत की गई है। यह योजना एक वैकल्पिक निधि प्रदान करने का एक माध्यम होगी। इसके लिए विशेष खिड़की खोली जाएगी, जहां अधूरे प्रोजेक्ट से जुड़े बिल्डर फंड के लिए अनुरोध कर सकेंगे। शुरुआत में सरकार 10 हजार करोड़ की निधि जुटाएगी। इसके बाद एलआईसी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी निधि मुहैया कराएंगे। इससे शुरुआती तौर पर 25 हजार करोड़ रुपये का फंड तैयार होगा। इसके अलावा अन्य जगहों से भी फंड जुटाया जाएगा।
हाउसिंग में दो करोड़ तक के फ्लैट वाले प्रोजेक्ट को यह फंड मुहैया कराया जाएगा। मुंबई में सीमा दो करोड़ होगी। दिल्ली-एनसीआर और अन्य बड़े शहरों में इसकी सीमा 1.5 करोड़ होगी। वहीं देश अन्य इलाकों में एक करोड़ तक के फ्लैट देने वाली परियोजनाओं की फंडिंग किया जाएगा। यह फंड केवल रेरा में रजिस्टर प्रोजेक्ट को नेट वर्थ के आधार पर दिया जाएगा। फंड को चरणबद्ध तरीके से प्रोजक्ट पूरा होने तक किश्तों में दिया जाएगा। इस योजना का लाभ एनपीए हो चुके प्रोजेक्ट भी ले सकेंगे।