नई दिल्ली, 27 नवम्बर (हि.स.)। सरकार ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) की कुछ चुनिंदा इकाइयों में रणनीतिक विनिवेश का सैद्धान्तिक रूप से अनुमोदन किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड (एससीआई), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (नीपको) में क्रमशः 53.29, 63.75, 30.8, 74.23, 100 विनेवेश का फैसला किया है।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड-एनआरएल-में 61.65 प्रतिशत की हिस्सेदारी तथा प्रबंधकीय नियंत्रण को छोड़कर) में भारत सरकार की 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक विनिवेश और रणनीतिक खरीदार को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण होगा। एनआरएल में बीपीसीएल की 61.65 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक विनिवेश और साथ में तेल तथा गैस क्षेत्र के किसी केन्द्रीय लोक उद्यम (सीपीएसई) को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण होगा।
भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड में भारत सरकार की 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक विनिवेश और इसके साथ रणनीतिक खरीदार को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण।
भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड (कॉनकॉर) की भारत सरकार की 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी (भारत सरकार की कुल वर्तमान हिस्सेदारी 54.8 प्रतिशत में से) का रणनीतिक विनिवेश और इसके साथ रणनीतिक खरीदार को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण।
टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) में भारत सरकार की 74.23 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक विनिवेश और इसके साथ एनटीपीसी जैसे सीपीएसई रणनीतिक खरीदार को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण।
नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (नीपको) में भारत सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक विनिवेश और इसके साथ एनटीपीसी जैसे सीपीएसई रणनीतिक खरीदार को प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण। इन सभी सीपीएसई इकाइयों का रणनीतिक विनिवेश पूर्व निर्धारित प्रक्रिया तथा व्यवस्था के अनुरूप किया जाएगा।
सरकार का कहना है कि इन सीपीएसई इकाइयों के रणनीतिक विनिवेश से प्राप्त होने वाले संसाधन का उपयोग सामाजिक क्षेत्र व सरकार की विकास योजनाओं के वित्त पोषण के लिए किया जाएगा। इससे लोगों को लाभ मिलेगा। प्राप्त संसाधन बजट का हिस्सा होगा और लोग इसके उपयोग की जांच कर सकेंगे। आशा है कि रणनीतिक खरीदार व प्राप्तकर्ता इन कंपनियों के विकास के लिए नया प्रबंधन/नई तकनीक/नया निवेश लाएंगे और इनके विकास के लिए नवाचार तरीकों का उपयोग करेंगे।
उल्लेखनीय है कि 2015 में सरकार ने रणनीतिक विनिवेश की नीति की फिर शुरुआत की थी ताकि निजी कंपनियां प्रबंधन में दक्षता का उपयोग करके आर्थिक विकास में योगदान दे सकें। 2019 के बजट भाषण में वित्तमंत्री ने घोषणा की थी कि वर्तमान आर्थिक मानदंडों के मद्देनजर अधिक सीपीएसई इकाइयों का रणनीतिक विनिवेश किया जाएगा। रणनीतिक विनिवेश इस मौलिक आर्थिक सिद्धांत पर आधारित है कि सरकार को उन क्षेत्रों की वस्तुओं और सेवाओं के विनिर्माण व उत्पादन से अलग हो जाना चाहिए, जहां प्रतिस्पर्धी बाजार विकसित हो चुका है। ऐसी इकाइयां प्रौद्योगिकी उन्नयन और कार्य कुशल प्रबंधन अभ्यास जैसे कारकों की वजह से निजी क्षेत्र में ही बेहतर ढंग से विकसित होंगी और इस प्रकार देश की जीडीपी में योगदान देंगी।