लखनऊ, 17 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द हो सकता है। इसके लिए अंतिम दौर का मंथन चल रहा है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम शाम को दिल्ली जाने का लगा था। इसी के साथ अचानक भाजपा अध्यक्ष के जाने पर अटकलें तेज हो गईं। पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल पहले से ही दिल्ली में हैं।
एक माह से उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाएं तेज हैं। कई मंत्री जहां खुद के कैबिनेट बनने की आस लगाए हुए हैं, वहीं कुछ को मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद है। इसके लिए कई लोग तो अपने क्षेत्रीय कार्यक्रमों में कम जाकर लखनऊ में ज्यादा समय दे रहे हैं। अचानक मुख्यमंत्री और प्रदेश के दोनों उच्च पदाधिकारियों को दिल्ली बुलाए जाने से अटकलों को और हवा मिली है।
उधर, शनिवार को प्रदेश मुख्यालय पर उपचुनाव और संगठनात्मक चुनाव की तैयारियों पर भी बैठक बुलाई गई है। इन बैठकों में उपचुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी बनाए गए मंत्रियों को पूरी रिपोर्ट के साथ बुलाया गया है। भाजपा सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी और स्वतंत्रदेव संगठनात्मक चुनाव पर चर्चा के लिए बुलाए गये हैं। इस दौरान मंत्रिपरिषद को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गयी। अगले सप्ताह तक मंत्री परिषद के विस्तार की चर्चा हो जाने की संभावना जताई जा रही है।
उधर, शनिवार को प्रदेश मुख्यालय पर उपचुनाव और संगठनात्मक चुनाव की तैयारियों पर भी बैठक बुलाई गई है। इन बैठकों में उपचुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी बनाए गए मंत्रियों को पूरी रिपोर्ट के साथ बुलाया गया है। भाजपा सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी और स्वतंत्रदेव संगठनात्मक चुनाव पर चर्चा के लिए बुलाए गये हैं। इस दौरान मंत्रिपरिषद को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गयी। अगले सप्ताह तक मंत्री परिषद के विस्तार की चर्चा हो जाने की संभावना जताई जा रही है।
दरअसल यहां 60 सदस्यीय मंत्रिपरिषद हो सकता है। योगी ने मार्च 2017 में 47 सदस्यों के साथ शपथ ली थी। इसमें तीन मंत्रियों सत्यदेव पचौरी, डॉ एस.पी. सिंह बघेल और डॉ रीता बहुगुणा जोशी सांसद चुन लिए गये। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जा चुका है। स्वतंत्र देव को अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल चुकी है। इस कारण वे मंत्रिमंडल से जल्द इस्तीफा दे देंगे।
इस बीच लोकसभा चुनाव में जीत-हार की समीक्षा के बाद कुछ मंत्रियों का कार्य बेहतर माना गया तो कुछ को फिसड्डी। इस आधार पर भी मंत्रियों के मंत्रालय में फेरबदल किया जाना है। इसको लेकर कई दौर की चचाएं हो चुकी हैं। कई लोगों के विभाग बदले जाने की भी संभावना है तो कुछ लोग पदोन्नति की उम्मीद लगाये बैठे हैं।