स्वदेशी ​​आकाश मिसाइल ​के निर्यात को मिली मंजूरी ​

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मिसाइल का निर्यात तेजी से करने के लिए एक समिति का गठन किया गया ​​  निर्यात समिति में होंगे रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार​ 



नई दिल्ली, 30 दिसम्बर (हि.स.)​​। ​​​अब भारत का स्वदेशी ​​आकाश मिसाइल सिस्टम ​दूसरे देशों को भी निर्यात ​किया जा सकेगा, क्योंकि बुधवार को केन्द्रीय ​मंत्रि​मंडल ने ​इसके लिए ​मंजूरी ​दे ​दी ​है। ​मिसाइल का निर्यात तेजी से करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जिससे निर्यात सम्बन्धी फैसले जल्द से जल्द लिये जा सकेंगे​​। ​​इस समिति में रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार​ को रखा गया है​। आकाश मिसाइल को हाल ही में अपग्रेड किया गया है, जिसके बाद इसके टारगेट पर वॉर करने की क्षमता और अधिक मजबूत हो गई है।  ​​   ​
 
​’आत्म निर्भर’ ​अभियान ​के तहत ​भारत ​रक्षा प्लेटफार्मों और​ अलग-अलग तरह की मिसाइलों ​का निर्माण ​करके लगातार एयरो स्पेस की दुनिया में अपनी क्षमताओं ​को बढ़ा रहा है। आकाश मिसाइल सिस्टम​ ​96 प्रतिशत से अधिक स्वदेशीकरण के साथ देश की महत्वपूर्ण मिसाइल है।​ सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल की रेंज 25 किलोमीटर है। इस मिसाइल को 2014 में ​भारतीय वायुसेना और 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था।​ इस मिसाइल का प्रदर्शन कई अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों​ जैसे डिफेन्स एक्सपो​,​ एयरो इंडिया के दौरान ​भी किया गया जिस पर ​कई मित्र देशों ​ने इस​के प्रति रुचि दिखाई है​​। मंत्रिमंडल की मंजूरी ​न मिलने से ​आकाश मिसाइल सिस्टम​ लेने के इच्छुक मित्र देशों से सौदे पर आगे कोई बातचीत नहीं हो पा रही थी
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​अब ​मंत्रिमंडल की इस पहल से देश को अपने रक्षा उत्पादों को बेहतर बनाने और उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।​ साथ ही विभिन्न देशों ​को मिसाइल के बारे में अधिकृत जानकारी दी जा सकेगीआकाश​ मिसाइल का निर्यात संस्करण वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बलों के साथ तैनात सिस्टम से अलग होगा।​आकाश ​मिसाइल ​के अलावा​ भारत के अन्य प्रमुख प्लेटफार्मों जैसे तटीय निगरानी प्रणाली, रडार और एयर प्लेटफार्मों ​के ​भी मित्र देशों से ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। ऐसे प्लेटफार्मों के निर्यात के लिए तेजी से अनुमोदन प्रदान करने के लिए ​​रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वाली एक समिति बनाई गई है।यह समिति विभिन्न देशों को प्रमुख स्वदेशी प्लेटफार्मों के बाद के निर्यात को अधिकृत करेगी। ​यह ​समिति ​सौदों के लिए ​सरकार-से-सरकार सहित ​अन्य विकल्पों का भी पता लगाएगी।​ ​
 
रक्षा प्लेटफार्मों के निर्यात​ की मंजूरी देने के पीछे सरकार का इरादा मैत्रीपूर्ण देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को बेहतर बना​ना भी है​​​​​ ​भारत सरकार ​ने ​5 बिलियन ​अमेरिकी डॉलर के रक्षा निर्यात ​का लक्ष्य ​निर्धारित किया है,​ जिसे हासिल करने पर सरकार ध्यान केंद्रित कर​ रही है​ ​डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा निर्मित आकाश मिसाइल भारतीय सेना और वायु सेना में शामिल की गई सबसे सफल स्वदेशी मिसाइलों में से एक है। यह मिसाइल 18 किमी. की ऊंचाई तक हवाई खतरों को निशाना बनाने की क्षमता रखती है। डीआरडीओ अब आकाश प्राइम मिसाइल सिस्टम पर काम कर रहा है। इसमें बहुत ज्यादा ऊंचाई वाली जगहों पर भी टारगेट को निशाना बनाने की क्षमता होगी। इसके अलावा लंबी दूरी पर दुश्मन के लड़ाकू विमान को भी मार गिराने की ताकत होगी। ​​
 

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