कोलकाता, 26 जनवरी (हि.स.)। केरल, पंजाब और महाराष्ट्र के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार भी संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव लाने जा रही है। सोमवार को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है जिसमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव के पारित होने की संभावना है। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने पहले ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अब्दुल मन्नान से इस बारे में बातचीत की है।
माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती से भी इस बारे में चर्चा हुई है। केवल भारतीय जनता पार्टी के विधायक इस प्रस्ताव के खिलाफ है। बाकी सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल, विपक्षी माकपा और कांग्रेस एकजुट है। इसलिए सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव के पारित होने की संभावना प्रबल है। दरअसल सीएए को लेकर ममता बनर्जी लगातार आंदोलन कर रही हैं। पिछले कई दिनों से वह सड़कों पर हैं। फरवरी महीने में भी तृणमूल सुप्रीमो ने लगातार आंदोलन की रणनीति बनाई है। उसके मुताबिक राज्य भर में पार्टी की ओर से विरोध प्रदर्शन होगा। इस बीच विपक्षी माकपा और कांग्रेस आरोप लगा रहे थे कि अगर ममता सच में सीएए के खिलाफ हैं तो उन्हें इस अधिनियम के खिलाफ राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित करना चाहिए। उसके बाद ही जनवरी महीने के मध्य में मुख्यमंत्री ने इसके खिलाफ प्रस्ताव लाने की घोषणा कर दी थी। उसके बाद 27 जनवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है जिसमें इसे पारित किया जाएगा।