उ.प्र उपचुनाव : पुराने नेताओं को टिकट देने की तैयारी में भाजपा

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उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और पार्टी नहीं चाहती कि उसको लोकसभा चुनाव में मिली जीत की खुशी उपचुनाव में किसी प्रकार से कम हो जाए।



लखनऊ, 28 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान खाली हुई सीटों पर उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारी शुरू कर दी हैं। कुल 11 सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें से 08 सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा। इस बार सभी सीटों पर भगवा कमल खिलाने के भाजपा संगठन की ओर से ताबड़तोड़ बैठक कर संगठनात्मक ढांचा को मजबूती दी जा रही है।
माना जा रहा है कि उपचुनाव में जीत पक्की करने के लिए कार्यकर्ताओं से लिए गए फीडबैक के बाद पार्टी अपने पुराने नेताओं पर दांव लगा सकती है।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और पार्टी नहीं चाहती कि उसको लोकसभा चुनाव में मिली जीत की खुशी उपचुनाव में किसी प्रकार से कम हो जाए। उपचुनाव के लिए पार्टी के प्रदेश संगठन नेतृत्व के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जुट गए हैं। योगी सरकार में विभिन्न मंत्रियों को एक एक सीट की कमान सौंपी गई है, इसके साथ में एक एक वरिष्ठ नेताओं को भी लगाया गया है।
उपचुनाव जीतने के लिए पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय बूथ स्तर पर लगे कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया, जिसमें महानगर, जिला इकाई के अध्यक्षों की ओर से किसी बाहरी या नए चेहरे को टिकट ना देने के लिए कहा गया है। साथ ही पार्टी के लिए संघर्ष करने वाले पुराने नेताओं को टिकट देने से चुनाव में कार्यकर्ताओं में जोश उमंग बने रहने की बात कही गई है।
भाजपा से टिकट चाहने वाले पुराने नेताओं के पास चुनाव लड़ने और लड़ाने का लम्बा अनुभव है, इसी कारण से उनके टिकट की दावेदारी में विशेष रुप से विचार किया भी जा रहा है। पुराने नेताओं के लिए विभिन्न संगठनों एबीवीपी, विहिप, अधिवक्ता परिषद का भी जोर है।
पूरे प्रदेश की तस्वीर देखी जाये तो टिकट मांग रहे हैं लोगों में सबसे ज्यादा दौड़ लखनऊ की कैण्ट सीट, कानपुर की गोविंद नगर सीट, सहारनपुर की गगोह सीट, बाराबंकी की जैतपुर सीट, अम्बेडकर नगर की जलालपुर सीट पर है। ऐसे तो सत्ताधारी पार्टी होने के कारण हर सीट पर मांगने वालों की लम्बी सूची है।
भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल से मिलने के लिए टिकटार्थी परेशान हैं। पूर्वांचल क्षेत्र में प्रदेश महामंत्री संगठन रत्नाकर जो वाराणसी के काशी क्षेत्र कार्यालय पर रहते हैं, उनसे मिलने वालों की तादात भी कम नहीं है। इसी तरह ब्रज और कानपुर प्रान्त में भी क्षेत्रीय संगठन मंत्री भवानी सिंह से मिलने वालों की तांता है। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय, उपचुनाव से संबंधित जिलों के प्रदेश पदाधिकारी व प्रभारी मंत्री, जिलाध्यक्ष, क्षेत्रीय अध्यक्ष, और उस जिले के प्रभावशाली नेताओं के यहां भी समीकरण बनाने बिगाड़ने की पहल जारी है।
इन सीटों पर होने हैं उपचुनाव
गंगोह (सहारनपुर), टूंडला, गोविंदनगर (कानपुर), लखनऊ कैंट, प्रतापगढ़, मानिकपुर चित्रकूट, रामपुर, जैदपुर(सुरक्षित) (बाराबंकी), बलहा(सुरक्षित), बहराइच, इगलास (अलीगढ़), तथा जलालपुर (अंबेडकरनगर) शामिल है। इन सीटों पर ज्यादातर विधायकों को बीजेपी ने लोकसभा का चुनाव लड़ाया है। जिसकी वजह से यह खाली हो गई है।

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