चंडीगढ़,17 अक्टूबर (हि.स.)। राज्य में धान की पराली जलाने की समस्या के साथ निपटने के लिए पंजाब सरकार ने 8000 गांवों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने का फ़ैसला किया है। गुरुवार को कृषि और किसान कल्याण विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू ने बताया कि इन गांवों की शिनाख्त कृषि विभाग ने की है। इनमें वह गांव शामिल हैं जो रिवायती तौर पर पराली जलाते हैं। पंजाब सरकार ने कृषि विभाग को खेतों में पराली जलाने को प्रभावी तरीके से रोकने के लिए ज़मीनी स्तर पर समूची मशीनरी सक्रिय करने के निर्देश दिए हुए हैं।
कृषि सचिव ने बताया कि समूह डिप्टी कमीशनरों को पहले ही प्रभावित गांवों में अधिकारियों /कर्मचारियों को तैनात करने के लिए कहा गया है जिससे पराली जलाने से पर्यावरण और स्वास्थ्य को होने वाले ख़तरनाक नुकसान से लोगों को जागरूक किया जा सके। नोडल अधिकारियों को धान की कटायी के बाद सख्त चौकसी बरतने का कार्य सौंपा गया है। सचिव ने बताया कि सहकारिता, राजस्व, ग्रामीण विकास एवं पंचायत, कृषि, बाग़बानी और भू संरक्षण विभाग और पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड आपसी तालमेल के द्वारा पराली जलाने के ग़ैर-स्वास्थ्यमंद अमल को रोकने के लिए साझे तौर पर काम करेंगे। यह नोडल अधिकारी विभिन्न सरगर्मियां करेंगे जिनमें किसानों के साथ मीटिंगें करके फ़सली अवशेष प्रबंधन (सी.आर.एम.) मशीनों का प्रबंध करेंगे और गांवों में किसानों को पम्फ्लेट और अन्य सामग्री बांटेंगे। इसके अलावा यह नोडल अधिकारी गुरुद्वारों से या अन्य साधनों के द्वारा पराली न जलाने संबंधी घोषनाएं कराएंगे।
इन नोडल अधिकारियों को रैलियां और जागरुकता लेक्चर कराने के लिए गांवों के स्कूलों के साथ संपर्क करने का कार्य सौंपा गया है जिससे विद्यार्थियों को भी पराली जलाने के मुद्दे पर संवेदनशील बनाया जा सके। वह अपने मां-बाप को पराली न जलाने को कह सकें और इससे पड़ने वाले बुरे प्रभावों से भी उन्हें जागरूक कर सकें। पन्नू ने बताया कि राज्य भर की सभी 3485 सहकारी सोसाइटियों के सचिवों को भी इस काम पर लगाया गया है। इसी तरह ही ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के 1850 पंचायत सचिवों, पावरकॉम के 2000 जूनियर इंजीनियरों, 6000 लाइनमैनों, 200 सब-डिवीजनल अधिकारियोंं, कृषि, बाग़बानी, भू संरक्षण विभागों के 1500 अधिकारियों की सेवाएं इस मकसद के लिए ली जानी हैं।