नई दिल्ली, 09 दिसम्बर (हि.स.)। देश में जारी आर्थिक सुस्ती के बीच मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे आम बजट की तैयारी का काम जोर पकड़ चुका है, लेकिन वित्त मंत्रालय की बजट टीम में दो महत्वपूर्ण अधिकारियों की कमी बनी हुई है। इनमें से एक पूर्णकालिक व्यय सचिव का पद रिक्त है, जबकि संयुक्त सचिव (बजट) का पद भी पिछले तीन माह से रिक्त पड़ा हुआ है। आम बजट एक फरवरी 2020 को पेश किया जाना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मोदी सरकार का यह दूसरा बजट होगा। इस बजट को इसलिए अहम माना जा रहा है। यह ऐसे वक्त में पेश किया जाना है, जबकि अर्थव्यवस्था में सुस्ती बनी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने हाल ही में जारी मौद्रिक समीक्षा नीति में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2020-21 का सालाना बजट तैयार करने की प्रक्रिया को 14 अक्टूबर 2019 को बजट पूर्व-संशोधित अनुमान बैठकों के साथ शुरू की है। उल्लेखनीय है कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ बैठकों का जारी सिलसिला पिछले महीने ही पूरा हुआ है, जो व्यय सचिव द्वारा अन्य सचिवों एवं वित्तीय सलाहकारों के साथ विचार-विमर्श पूरा होने के बाद वित्त वर्ष 2020-21 के बजट अनुमानों को अस्थायी तौर पर अंतिम रूप दिया गया है। व्यय सचिव के अलावा संयुक्त सचिव (बजट) का पद भी गत तीन माह से खाली पड़ा है। पूरी बजट बनाने की प्रक्रिया में संयुक्त सचिव (बजट) की अहम भूमिका होती है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री ने कहा है कि सुधारों का सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने आयकर में बदलाव का भी संकेत दिया है।