बजट का कितना पुराना है इतिहास और चर्चा में क्‍यों रहे ये बजट

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आजादी मिलने से पहले बनी अंतरिम भारत की सरकार का बजट लियाकत अली खां ने पेश किया था। दरअसल यह बजट नौ अक्टूबर, 1946 से लेकर 14 अगस्त 1947 तक के लिए ही था। आजाद भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आर. के. षणमुखम शेट्टी ने 26 नवम्बर, 1947 में पेश किया था। यह एक अंतरिम बजट था। 



नई दिल्‍ली, 24 जून (हि.स.)। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पांच जुलाई को  पेश किया जाएगा। इससे एक दिन पहले चार जुलाई को वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। बजट का इतिहास भी बहुत ही  पुराना और दिलचस्‍प है। भारत का पहला बजट 18 फरवरी, 1860 को एक अंग्रेज जेम्‍स विल्‍सन ने पेश किया था। दरअस जेम्‍स ब्रिटिश वायसराय काउंसलि के मेंबर फाइनेंस (वित्‍त विभाग का सदस्‍य) थे। अंतरिम सरकार का बजट लियाकत अली खां ने पेश किया था।
लियाकत अली खां ने पेश किया था अंतरिम सरकार का बजट
आजादी मिलने से पहले बनी अंतरिम भारत की सरकार का बजट लियाकत अली खां ने पेश किया था। दरअसल यह बजट नौ अक्टूबर, 1946 से लेकर 14 अगस्त 1947 तक के लिए ही था। आजाद भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आर. के. षणमुखम शेट्टी ने 26 नवम्बर, 1947 में पेश किया था। यह एक अंतरिम बजट था।
वित्‍त वर्ष 1967-68 का बजट
वित्‍त वर्ष 1967-68 में पेश किया गया ये बजट एक विशेष सम्मान में अपनी तरह का पहला बजट था। पहली बार बजट को उप प्रधानमंत्री (मोरारजी देसाई)   ने पेश किया था, जो कि वित्त मंत्री भी थे।
वित्‍त वर्ष 1968-69 का बजट
वित्‍त वर्ष 1968-69 में पेश किया गया यह बजट इसलिए चर्चा में रहा, क्‍योंकि इस बजट में ‘स्पाउस अलाउंस’ को समाप्त कर दिया गया। जो टैक्स बचाने का एक माध्‍यम हुआ करता था। इस अलाउंस के जरिए पति और पत्नी दोनों अपना  इनकम टैक्स बचाया करते थे।
वित्‍त वर्ष 1969-70 का बजट
दरअसल इस बजट के बाद कुछ उत्पादों की कीमत में तेजी सी बढ़ोतरी दर्ज हुई, क्‍योंकि ‘स्टेटस सिंबल’ के रूप में देखे जाने की वजह से टैक्‍स बढाया गया था। ऐसी आयातित कारें जिनकी इम्‍पोर्ट ड्यूटी को 60 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसद तक कर दी गई थी, इसे अन्य लक्जरी वस्तुओं के बराबर में लाया गया, जिन्हें स्टेटस सिंबल के रूप में देखा गया।
वित्‍त वर्ष 1970-71 का बजट
वित्‍त वर्ष 1970-71 में पेश किए यह बजट इसलिए खास रहा, क्योंकि इसे एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पेश किया था। इंदिरा गांधी उस समय देश की  प्रधानमंत्री के साथ वित्त मंत्री भी थीं।
वित्‍त वर्ष 1971-72 का बजट
वित्‍त वर्ष 1971-72 के बजट में नकद सौदों पर अंकुश लगाने के लिए एक नई व्‍यवस्‍था की गई। इसका सीधा असर पर्यटकों पर पड़ा था। इस व्‍यवस्‍था के तहत  नकद में टिकट खरीदने पर 20 फीसद टैक्‍स का भुगतान करने की व्‍यवस्‍था की गई थी। लेकिन यदि विदेशी मुद्रा में टिकट के लिए भुगतान करते हैं तो इस पर टैक्‍स नहीं लगेगा।
वित्‍त वर्ष 1972-73 का बजट
वित्‍त वर्ष 1972-73 में पेश किए गया यह बजट शब्दों और साहित्य से प्यार करने वालों के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ। इसमें क्रॉसवर्ड पज़ल्स को हल  करके अर्जित पुरस्कारों पर 34.5 फीसद का टैक्स प्रस्तावित कर दिया गया था।
वित्‍त वर्ष 1974-75 का बजट
वित्‍त वर्ष 1974-75 के इस बजट में इनकम टैक्स स्ट्रक्चर में सुधार किया गया था। इसमें इनकम टैक्स और सरचार्ज को 97.75 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी कर दिया गया था।
वित्‍त वर्ष 1975-76 का बजट
वित्‍त वर्ष 1975-76 के इस बजट में सरकारी कर्मचारियों के लिए इंसेंटिव बोनस स्कीम का लाभ शुरू किया गया। ताकि वे अपने भविष्य निधि अकाउंट से अक्सर पैसे नहीं निकाल पाएं।
वित्‍त वर्ष 2019-20 का बजट
इस बार का बजट इसलिए खास है, क्‍योंकि पहली बार पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को पेश करेंगी। यह सीतारमण का पहला बजट होगा। इससे एक दिन पहले चार जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश होगा।

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