नई दिल्ली, 28 जनवरी (हि.स.)। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी। अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार बढ़ाने और वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट की तैयारियों में खुद पीएम मोदी खासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मोदी और वित्त मंत्री ने कई अर्थशास्त्रियों, उद्योगपतियों, किसानों और अन्य संगठनों अलग-अलग बैठकें कर चुके हैं, ताकि मौजूदा सुस्ती से निपटने को लेकर उनकी राय जानी जा सके।
गौरतलब हे कि देश की अर्थव्यवस्था को सुस्ती से निकालकर पटरी पर लाने के लिए निर्मला सीतारमण का यह बजट काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। क्योंकि एक फरवरी को आम बजट संसद में पेस होना है। फंड मैनेजरों से लेकर ट्रेडर्स तक हर किसी को कोई न कोई उम्मीद है इस बजट से। उल्लेखनीय है कि इस बजट को तैयार करने में 5 लोग शामिल हैं, जो सरकार की आय और खर्च का लेखा-जोखा तैयार करने में सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं।
राजीव कुमार, फाइनेंस सेक्रेटरी (वित्त सचिव)
वित्त सचिव राजीव कुमार वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी कुमार 1984 बैच के झारखंड कैडर के हैं। उनके कार्यकाल के दौरान ही सरकार ने बैंकिंग व्यवस्था में सुधार से जुड़े कई अहम कदम उठाए हैं, जिसमें सरकारी बैंकों के विलय और कर्ज में डूबे बैंकों में पूंजी डालने जैसे उपाय शामिल हैं। उम्मीद है कि बजट में बैंकिंग सेक्टर को संकट से उबारने एवं अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा देने की दिशा में वे काम करेंगे।
अतनु चक्रवर्ती, इकोनॉमी अफेयर सेक्रेटरी (आर्थिक मामलों के सचिव)
आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती के पास सरकारी परिसंपत्तियों के विनिवेश से जुड़ी विशेषज्ञता है। अतनु ने पिछले वर्ष जुलाई में कार्यभार संभाला था, जो कि सरकारी संपत्ति की बिक्री के एक्सपर्ट माने जाते हैं। बजट बनाने में चक्रवर्ती की भूमिका काफी अहम रहने वाली है, क्योंकि हाल में जब आर्थिक वृद्धि की रफ्तार पांच फीसदी से नीचे चली गई थी, तो चक्रवर्ती की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। बजट घाटे के लक्ष्य तय करने के लिए उनके इनपुट अहम हैं। साथ ही अतनु अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए संसाधन बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं।
टीवी सोमनाथन, एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी, (व्यय सचिव)
सोमनाथन हाल ही में वित्त मंत्रालय में आए हैं। वह प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में काम कर चुके हैं, लिहाजा वह समझते हैं कि पीएम मोदी किस तरह का बजट देखना पसंद करेंगे। उनके उपर सरकारी खर्च को इस तरह से मैनेज करने की जिम्मेदारी है, जिससे फिजूल खर्च में कमी आए और मांग को बढ़ावा मिल सके। हालांकि, सोमनाथ पर अनावश्यक खर्चों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी है।
अजय भूषण पाण्डेय, रेवेन्यू सेक्रेटरी (राजस्व सचिव)
राजस्व सचिव अजय पाण्डेय पर संसाधनों को बढ़ाने की भी जिम्मेदारी है। पाण्डेय मंत्रालय के ऐसे अधिकारी हैं, जिन पर सबसे अधिक दबाव है। क्योंकि, आर्थिक सुस्ती के माहौल में राजस्व वसूली (रेवेन्यू कलेक्शन) उम्मीद से बहुत रकम हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि वह प्रत्यक्ष कर संहिता में कुछ प्रस्तावों को एडॉप्ट करने के बारे में अपनी राय दे सकते हैं।
तुहीनकांत पाण्डेय, डिसइनवेस्टमेंट सेक्रेटरी (विनिवेश सचिव)
विनिवेश सचिव तुहीनकांता पाण्डेय के पास ही एयर इंडिया की रणनीतिक बिक्री की जिम्मेदारी है। साथ ही अन्य सरकारी कंपनियों के विनिवेश की जिमेदारी इन्हीं के हाथ में है, ताकि सरकार की आय बढ़ सके। बहरहाल, मौजूदा वित्त वर्ष में 1.05 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का टारगेट पूरा नहीं हुआ और इतने कम समय में पूरा होने के आसार भी कम हैं। ऐसे में अगले वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए फंड जुटाना बड़ी चुनौती होगी। इस लिहाज से भी उनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाली है।