कोलकाता, 06 अक्टूबर (हि.स.)। एक तरफ दिल्ली में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ बांग्लादेश के विभिन्न द्विपक्षीय मामलों पर वार्ता की है तो दूसरी तरफ कोलकाता में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच चार दिवसीय बैठक रविवार को संपन्न हुई है।
दोनों ही देशों के सीमा रक्षकों के बीच आपसी समन्वय बढ़ाने और मिलजुलकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपराधिक चुनौतियों से निपटने की सहमति बनी है। राजारहाट के बीएसएफ क्षेत्रीय मुख्यालय में हुई इस बैठक के समापन पर रविवार को बताया गया है कि वार्ता के दौरान बीएसएफ टीम का नेतृत्व दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक आईपीएस योगेश बहादुर खुरानिया ने किया जबकि बांग्लादेश प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अतिरिक्त महानिदेशक बीजीबी मोहम्मद जमाल गनी खान ने किया है।
यह बैठक बीजीबी (उत्तर पश्चिम क्षेत्र रंगपुर और दक्षिण पश्चिम क्षेत्र जशोर) और बीएसएफ (दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, उत्तर बंगाल फ्रंटियर और गुवाहाटी फ्रंटियर) के बीच आयोजित की गई थी। मोहम्मद जमाल के साथ बांग्लादेश सरकार के गृह और विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों सहित अन्य छह अधिकारियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
इस सम्मेलन का उद्देश्य बेहतर सीमा प्रबंधन के लिए भारत और बांग्लादेश दोनों सीमा सुरक्षा बलों के बीच आपसी सहयोग और समझ में सुधार करना और दोनों देशों के आपसी हितों में सीमा से संबंधित विभिन्न मुद्दों को हल करना था। इस दौरान प्रभावी सीमा प्रबंधन के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई जिसमें सीमा पार अपराध पर अंकुश लगाने, मवेशियों की तस्करी, ड्रग्स और नशीले पदार्थों, और गोला-बारूद आदि की तस्करी रोकथाम के उपाय शामिल हैं। दोनों प्रतिनिधियों के नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार नकली भारतीय मुद्रा नोटों की तस्करी, घुसपैठ और दोनों देशों की सीमा की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए प्रभावी उपायों की चर्चा की।
इस दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और विकासात्मक कार्यों से संबंधित विभिन्न लंबित मुद्दों पर भी चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) के तहत संचालित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की सराहना की जिसमें एक साथ समन्वित गश्ती दल (एससीपी), खुफिया जानकारी साझा करना, संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और सभी स्तरों पर बैठकों की आवृत्ति में वृद्धि शामिल है। दोनों सीमा सुरक्षा बलों ने सीमा पार अपराधों की रोकथाम के लिए एक प्रभावी सीमा प्रबंधन प्रणाली लाने के लिए सभी क्षेत्रों में सूचना और सहयोग के आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने का फैसला किया। दोनों सीमा सुरक्षा बलों ने इस बात पर सहमति जताई कि कॉन्फिडेंस बिल्डिंग समन्वय ने दोनों बलों के बीच समझ में सुधार किया है। उल्लेखनीय है कि तीन अक्टूबर को ही बांग्लादेश का प्रतिनिधिमंडल कोलकाता पहुंचा था।