तस्कर को किया गिरफ्तार बीएसएफ की ‘एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट’ ने
नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने मानव तस्करी जैसे अपराधों को रोकने के लिए ‘एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट’ को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सक्रिय किया हुआ है जो लगातार लड़कियों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराने में लगी रहती है। इसी क्रम में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 15 वर्षीय बांग्लादेशी लड़की को तस्कर के हाथों से मुक्त करवाया है। बीएसएफ के प्रवक्ता कृष्णा राव ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने महज 15 साल की बांग्लादेशी लड़की को तस्करों के चंगुल से आजाद कराया, साथ ही एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया। आरोपित की पहचान ग्राम तराली माजिद पारा, पोस्ट हसनपुर, जिला उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल निवासी गुलाम खुद्दुस के रूप में हुई है।
प्रवक्ता के अनुसार, दोपहर करीब 12.30 बजे बीएसएफ की इंटेलिजेंस ब्रांच को एक गुप्त सूचना मिली कि सीमा चौकी तराली,112 वीं वाहिनी के इलाके में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर रोड पर एक बाइक सवार संदिग्ध लग रहा है। बीएसएफ ने बाइक सवार पर नजर रखी। इसी बीच बीएसएफ ने देखा बाइक सवार लड़की को बांग्लादेश से भारत में ले जाने की कोशिश कर रहा है। बीएसएफ के जवानों ने उसकी हरकतों को देखकर उसे रूकने को कहा। बीएसएफ को अपनी ओर आता देख तस्कर ने लड़की को छोड़ भाग निकलने की कोशिश की, लेकिन जवानों ने उसे धर दबोचा। नाबालिग लड़की को और तस्कर को सीमा चौकी तराली में पूछताछ के लिए लाया गया। फिलहाल तस्कर से बचाई गई नाबालिग लड़की और आरोपित को पुलिस स्टेशन स्वरूप नगर में अग्रिम कानूनी कार्यवाही के लिये सौंप दिया है।
बीएसएफ ने देह व्यापार के दलदल में फंसने से बचाया
बीएसएफ के प्रवक्ता कृष्णा राव के अनुसार, पूछताछ के दौरान नाबालिग लड़की ने बताया कि वह बांग्लादेश की रहनी वाली है। परिवार की आर्थिक हालत खराब होने के कारण वह काम की तलाश में थी। आगे उसने बताया कि उसकी बुआ मानुशी बीबी(बदला हुआ नाम) जो अशोक नगर, जिला उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल भारत में रहती है उसने उसे आने के लिए कहा और बताया की वह भारत में उसे नौकरी दिलवा देगी।
सोनई नदी को पार कर भारत में आई
पूछताछ में नाबालिग लड़की ने बताया कि उसकी बुआ ने बताया कि जिला शकीरा बांग्लादेशी तस्कर अबुल हुसैन के साथ आ जाये। नाबालिग उसकी मदद से तीन दिन पहले सोनई नदी को पार कर भारत में आई थी। जिसके बाद अबुल हुसैन ने उसे दूसरे तस्कर गुलाम खुद्दुस को सौंप दिया था, इस कार्य के लिए उसने बांग्लादेशी तस्कर को पांच हजार रुपये दिए तथा भारत में पहुंचने के बाद उसे आश्वासन दिया कि वह पांच हजार ओर भुगतान करेगी। भारतीय तस्कर ने उसे दो दिन तक अपने घर में रखा जहां पर उसके नकली आधार कार्ड बनाए गए। जब तस्कर लड़की को अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कराने की फिराक में था तो बीएसएफ ने उसे पकड़ लिया।