कोरोना की रोकथाम में मदद के लिए 200 मिलियन पाउंड देगा ब्रिटेन
लंदन, 12 अप्रैल (हि.स.)। ब्रिटेन ने रविवार को कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर देशों में कोरोना के प्रसार को कम करने और संक्रमणों की दूसरी लहर को रोकने में मदद के लिए वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को 200 मिलियन पाउंड (248 मिलियन डॉलर) का दान दे रहा है।
विश्व भर में कोरोना से 16 लाख से अधिक लोगों के संक्रमित होने की सूचना है और आंकड़ों के अनुसार मौतों की संख्या 1 लाख से अधिक हो गई है। 210 देशों में कोरोना के संक्रमण की सूचना मिली है। पिछले साल दिसंबर में चीन में वायरस के पहले मामले की पहचान की गई थी।
ब्रिटिश सहायता मंत्री ऐनी-मैरी ट्रेवेलियन ने कहा कि सबसे गरीब देशों की सहायता करने से यूनाइटेड किंगडम में वायरस को फिर लौटने से रोकने में मदद मिलेगी। ब्रिटेन ने कोरोना से अब तक लगभग 10 हजार लोगों की मौत की सूचना दी है। जो विश्व भर के देशों में पांचवीं सबसे ज्यादा संख्या है।
ट्रेवेलियन ने एक बयान में कहा, “जबकि हमारे शानदार डॉक्टर और नर्स देश में वायरस से लड़ रहे हैं, हम ब्रिटेन में पहुंचने वाली दूसरी घातक लहर को रोकने के लिए दुनिया भर में ब्रिटिश विशेषज्ञता और फंडिंग तैनात कर रहे हैं। वायरस देश की सीमाओं का सम्मान नहीं करता है, इसलिए ब्रिटिश जनता की रक्षा करने की हमारी क्षमता केवल तभी प्रभावी होगी, जब हम कमजोर विकासशील देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों को भी मजबूत करेंगे।”
ब्रिटिश सरकार ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के लिए 65 मिलियन के साथ 130 मिलियन पाउंड संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों को जाएंगे। अन्य 50 मिलियन पाउंड रेड-क्रॉस को युद्ध-ग्रस्त और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में मदद करने के लिए जाएंगे और 20 मिलियन पाउंड अन्य संगठनों और धर्मार्थों के लिए दिये जा रहे हैं।
यह सहायता यमन जैसे युद्ध-ग्रस्त कमजोर स्वास्थ्य प्रणालियों वाले क्षेत्रों की मदद करेगा, जहां शुक्रवार को वायरस का पहला मामला दर्ज किया गया। इससे बांग्लादेश में वायरस रोकने में मदद मिलेगी, जहां भीड़-भाड़ वाले शिविरों में 8.5 लाख रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रस एडनोम घेब्येयस ने कहा, “ब्रिटेन का उदार योगदान एक मजबूत संदेश है कि कोरोना एक वैश्विक खतरा है जो वैश्विक प्रतिक्रिया की मांग करता है।”