ब्रिटेन में भारतीय मूल की तमकीन शेख बार्किंग से सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी की उम्मीदवार

0

ब्रेक्सिट के मुद्दे पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की कट्टर समर्थक, लोगों के अच्छे भविष्य के लिए जरूरी समझती हैं ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से अलग होना 



लंदन, 28 नवम्बर (हि.स.)। ब्रिटेन में पांच साल में ब्रिक्सट पर सहमति न हो पाने के कारण तीसरी बार होने जा रहे संसदीय चुनाव में भारतीय मूल की तमकीन शेख ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की है। चालीस वर्षीय तमकीन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की नीतियों की समर्थक हैं। गुजरात में पली-बढ़ीं तमकीन शेख को प्रधानमंत्री जॉनसन की कंजरवेटिव पार्टी ने बार्किंग निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया है। ब्रिटेन में 12 दिसम्बर को संसदीय चुनाव है। वह जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं।
अहमदाबाद में जन्मीं तमकीन शेख ब्रिटेन में बसने से पहले भारत में अंग्रेजी के दो प्रमुख अखबारों में काम कर चुकी हैं। वह पत्रकारिता की उच्च शिक्षा के लिए लंदन गईं और वहीं की होकर रह गईं। उन्होंने ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त कर पत्रकारिता और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के बाद राजनीतिक सफर शुरू किया है। बार्किंग से उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का आभार व्यक्त किया है।
तमकीन शेख ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से टेलीफोनिक संवाद में कहा-वह पूरी ईमानदारी से राजनीति करेंगी। वह हाउस ऑफ कॉमन्स में जाने के लिए पूरा परिश्रम कर रही हैं। अल सुबह अपने बच्चों रेहान और रायना के साथ चुनाव प्रचार के लिए घर से निकलती हैं और देर रात लौटती हैं।  तमकीन अपनी जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की संसद में ब्रेक्सिट ( यूरोपीय संघ से अलग होने) के  मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाने के कारण तीसरी बार हो रहा यह चुनाव पक्ष और विपक्ष के लिए बेहद अहम है। तमकीन शेख इस मुद्दे पर ब्रिटेन के  प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का खुलकर समर्थन करती हैं।
उन्होंने कहा, जॉनसन के विचार और उनकी नीतियां  ब्रिटेन के भविष्य के लिए अच्छी हैं। इसके लिए ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से अलग होना बेहद जरूरी है। वह खुद के राजनीति में आने को इत्तेफाक नहीं मानतीं। उन्होंने कहा, वह  राजनीति के जरिये सामाजिक मुद्दों को जोरशोर से उठाएंगी। कंजरवेटिव पार्टी उन्हें अपनी सोच के करीब लगती है। तमकीन शेख कंजरवेटिव पार्टी की तरह खुद भी व्यापार और नवाचार के अवसर सृजित करने में भरोसा रखती हैं।
वह कहती हैं, व्यापार और नवाचार के अवसर यकीनन सृजित होंगे पर इसके लिए ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से अलग होना होगा। तमकीन भरोसा जताती हैं कि ब्रेक्सिट होकर रहेगा। इसके बाद ब्रिटेन में आजादी का नया सूरज उगेगा।  तमकीन शेख 14 साल पहले मीडिया और प्रबंधन में मास्टर्स कोर्स करने लंदन गई थीं । उन्होंने सपने भी नहीं सोचा था कि वह वहां जाकर कभी राजनीति भी करेंगी। वह कहती हैं- भविष्य किसने जाना है। मगर वर्तमान ही सच है। पत्रकारिता के बाद शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हुए कब राजनीति में आ गईं पता ही नहीं चला। तमकीन ने कहा, वह जीतेंगी। हर हाल में जीतेंगी। कोशिश करना उनका धर्म है। अपने पथ पर अड़िग रहना उनका मंत्र है। वह अपने कर्तव्य पथ पर चल रही हैं।
तमकीन इस चुनाव में आधी आबादी के हक की आवाज को भी बुलंद कर रही हैं। महिला मतदाताओं के बीच वादा कर रही हैं कि ब्रिटेन की संसद में महिलाओं को 50 फीसदी भागीदारी की मांग वह उठाएंगी।  चुनाव के बाद उनकी प्राथमिकता प्राथमिक शिक्षा, सामाजिक उद्यम, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर,  बेघर परिवारों के लिए घरों का निर्माण और बुजुर्गों की देखभाल के लिए अधिकतम निवेश को आकर्षित करना होगा।
तमकीन शेख ने कहा, भारतीय मूल के लोगों का ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व योगदान है। भारतीय समुदाय पूरी तरह एकजुट है। वह यहां के लोगों के साथ सभी क्षेत्रों में बराबर की प्रगति कर रहा है। वह ब्रिटेन की अच्छी  परंपराओं को आत्मसात कर चुका है। तमकीन शेख से पूछा गया कि ब्रिक्सिट के बाद हुए चुनाव में उन्होंने किसे वोट दिया? वह नाज के साथ कहती हैं-मैंने कंजरवेटिव पार्टी के पक्ष में मतदान किया। बार्किंग के लोग ब्रेक्सिट के पक्ष में हैं। हमने बोरिस जॉनसन की पार्टी की जीत के लिए रात-दिन का काम किया है और अब तो और भी बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। वह कहती हैं चुनाव में हार-जीत का मायने अधिक नहीं होता मगर यह बात पक्की है कि उनकी पार्टी, लेबर पार्टी से अच्छा काम करेगी। वह बार्किंग के लोगों की समस्याओं को जानती हैं, क्योंकि वह बार्किंग में रहती हैं। उनके बच्चे बार्किंग में ही पढ़ते हैं।
कंजरवेटिव पार्टी की उम्मीदवार तमकीन ने कहा, बार्किंग के लोगों को ऐसे सांसद की जरूरत है जो उनके  स्कूलों को अच्छी सुविधाएं दिला सके। ऐसा सांसद चाहिए जो बुजुर्गों की बेहतर देखभाल का इंतजाम करवा सके।  कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दे। समाज का दुख-दर्द समझे। छोटे उद्यमियों की जरूरतों को जाने।
तमकीन शेख करीब दो साल पहले  दिसम्बर 2017 में परिजनों के साथ छुट्टियां बिताने भारत आई थीं। यह बात गुजरात के अहमदाबाद में रह रहीं उनकी मां नईमा चूनावाला ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से टेलीफोनिक बातचीत में कही। वह तमकीन को सत्तारूढ़ पार्टी से उम्मीदवार बनाए जाने पर बेहद खुश हैं। मां को भरोसा है तमकीन ब्रिटेन में अपने घर-परिवार, प्रदेश और भारत का नाम ऊंचा करेगी। वह हाउस ऑफ कॉमन्स में बार्किंग के लोगों का प्रतिनिधित्व करेगी।
तमकीन की ससुराल गुजरात के अंकलेश्वर में है। उनकी सास सूफियाबीबी शेख गर्व के साथ कहती हैं कि उनकी बहू चुनाव जीतेगी। हर हाल में जीतेगी। वह कहती हैं कि तमकीन में नेतृत्व की गजब की क्षमता है। वह ब्रिटेन के चुनाव में इसे फिर साबित करेगी। उसने भारत में रहते हुए ईमानदाराना तरीके से पत्रकारिता की है।  अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, उर्दू और फारसी भाषा में तमकीन का समान अधिकार है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *