ब्रेक्सिट योजना पर ब्रिटेन का 4.4 अरब पाउंड खर्च
लंदन, 06 मार्च (हि.स.)। ब्रिटेन की सरकार ने यूरोपीय संघ छोड़ने की तैयारी पर कम से कम 4.4 अरब पाउंड खर्च किया है। सार्वजनिक व्यय पर निगरानी रखने वाली संस्था नेशनल ऑडिट ऑफिस (एनएओ) ने शुक्रवार को ब्रेक्सिट की लागत के पहले विस्तृत अनुमान में यह जानकारी दी है।
नेशनल ऑडिट ऑफिस ने एक रिपोर्ट में बताया है कि ज्यादातर पैसा कर्मचारियों, नए बुनियादी ढांचे के निर्माण की लागत और बाहरी सलाह के लिए भुगतान करने पर खर्च किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ मंत्रालयों को मौजूदा बजट से अपने खर्च को पूरा करना था, लेकिन कुल मिलाकर सरकार ने खर्च की लागत के लिए आवंटित किए गए 6.3 अरब पाउंड का लगभग 70 फीसदी हिस्सा ही खर्च किया।
सरकार के भीतर ब्रेक्सिट के कारण पैदा हुई उथल-पुथल के बारे में एक संकेत देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल अक्टूबर में जब ब्रिटेन समझौते के बिना ईयू छोड़ने की कगार पर था, तब 22,000 सरकारी अधिकारी ब्रेक्सिट पर काम कर रहे थे। एनएओ के प्रमुख गैरेथ डेविस ने बताया कि यह रिपोर्ट पहली बार जानकारी देती है कि सरकार ने कितना पैसा खर्च किया है और उस पैसे को किस मद में खर्च किया गया है।
ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ को जनवरी के अंत में छोड़ दिया। कई दशकों में यह सबसे बड़ी भू-राजनीतिक उथल-पुथल है। जिसमें दुनिया के सबसे बड़े व्यापारिक समूह की सदस्यता को 47 वर्षों के बाद ब्रिटेन ने पूरी तरह त्याग दिया है।
सरकार को इसके लिए सीमा शुल्क अधिकारियों का प्रशिक्षण बढ़ाना था। व्यापार सौदों पर निगरानी करने और बंदरगाहों के आसपास बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए और अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करना जरूरी था। आधा से अधिक पैसा तीन विभागों-पर्यावरण, खाद्य और ग्रामीण मामले और गृह कार्यालय ने राजस्व और सीमा शुल्क विभाग के साथ मिलकर खर्च किया।
एनएओ ने कहा कि उसका अनुमान केवल सरकारी तैयारियों की लागत पर केंद्रित था। यह भविष्य की लागतों जैसे कि यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए 39 अरब पाउंड के भुगतान को छोड़कर था। यह भी कहा गया है कि रिपोर्ट से सरकार के पूरे खर्च सामने नहीं आए हैं क्योंकि विभागों से दी गई जानकारियां सीमित थीं। यह अनुमान सरकार के खर्च का केवल न्यूनतम स्तर है।
संसद की लोक लेखा समिति की अध्यक्षता करने वाले सांसद मेग हिलर ने कहा कि आंकड़े सीमित थे और पारदर्शिता की कमी के बारे में वित्त मंत्रालय जरा भी चिंतित नहीं था। कुल मिलाकर, 1.9 अरब पाउंड सरकारी कर्मचारियों के भुगतान पर खर्च किए गए, 1.5 अरब पाउंड नए बुनियादी ढांचे के निर्माण पर और 288 मिलियन पाउंड बाहरी सलाह पर खर्च किए गए।