​नौसेना के युद्धपोत से ब्रह्मोस ने मार गिराया लक्ष्य

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सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ​का अरब सागर में हुआ सफल परीक्षण  ​डीआरडीओ ने एक माह के भीतर 10 नई मिसाइलें लांच ​करके चौंकाया ​ ​ ​



नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (हि.स.)। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का रविवार को भारतीय नौसेना के स्वदेशी स्टील्थ डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई से सफल परीक्षण किया गया। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से अरब सागर में टारगेट किया गया था। मिसाइल ने उच्च-स्तरीय और बेहद जटिल युद्धाभ्यास करने के बाद पिन-पॉइंट सटीकता के साथ लक्ष्य को सफलतापूर्वक मार गिराया। डीआरडीओ एक माह के भीतर 10 नई मिसाइलें लांच करके लगातार भारतीय सेनाओं को मजबूत करने में जुटा हुआ है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ और भारतीय नौसेना को बधाई दी है।
चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच देश को एक और बड़ी कामयाबी मिली। ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में लंबी दूरी पर नौसेना की सतह के लक्ष्यों को हासिल करके युद्धपोत की अजेयता सुनिश्चित करेगा। नौसेना अब अपने युद्धपोतों से इसका इस्तेमाल करके समुद्री सतहों के लक्ष्यों को लंबी दूरी तक निशाना बना सकेगी। इस प्रकार भारतीय नौसेना को यह मिसाइल एक और विध्वंसक घातक मंच के रूप में मिल गई है। अत्यधिक बहुमुखी ब्रह्मोस को भारत और रूस ने संयुक्त रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया है।
इससे पहले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 30 सितम्बर को ओडिशा के चांदीपुर में विस्तारित रेंज की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था, जो 400 किमी. से अधिक दूरी पर लक्ष्य को मार सकती है। डीआरडीओ की पीजे-10 परियोजना के तहत मिसाइल को स्वदेशी बूस्टर के साथ लॉन्च किया गया था। ब्रह्मोस मिसाइल की पहले 300 किमी. तक मारक क्षमता थी लेकिन डीआरडीओ ने पीजे-10 परियोजना के तहत स्वदेशी बूस्टर बनाकर इसकी मारक क्षमता बढ़ा दी है।यह ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का दूसरा परीक्षण था।
भारतीय नौसेना पहले से ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल कर रही है। नौसेना ने 2005 में आईएनएस राजपूत पर इस मिसाइल का इंडक्शन किया था। भारतीय सेना ने भी ब्रह्मोस मिसाइल को अपनी तीन रेजिमेंट में शामिल किया हुआ है। लद्दाख में चीन के साथ पिछले पांच महीनों से तनाव की स्थिति में भारत के हाथ नई ताकत का लगना दुश्मन को सकते में डाल सकता है।​​ डीआरडीओ एक माह के भीतर 10 नई मिसाइलें लांच करके लगातार भारतीय सेनाओं को मजबूत करने में जुटा हुआ है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ और भारतीय नौसेना को बधाई दी है। डीडीआरओ के सचिव और अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने सफल उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों, डीआरडीओ, ब्रह्मोस, भारतीय नौसेना और उद्योग के सभी कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल कई तरीकों से भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में इजाफा करेगी।
डीआरडीओ और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्राह्मोस मिसाइल ‘मध्यम रेंज की रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज’ मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों तथा जमीन से दागा जा सकता है। यह मिसाइल पहले से ही भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना के पास है। इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है।

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