गुवाहाटी, 18 जुलाई (हि.स.)। असम व पड़ोसी राज्यों में गत एक सप्ताह से लगातार हुई मूसलाधार बारिश के बाद दो दिनों से बारिश रुक गई है, जिसकी वजह से बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है। इसके बावजूद स्थिति अब भी खतरनाक बनी हुई है। बारिश की वजह से ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था।
बुधवार को जारी राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब भी राज्य के 33 जिलों में से 29 जिलों में बाढ़ का विकराल रूप देखा जा रहा है। बाढ़ से 57 लाख 51 हजार 938 लोग प्रभावित हुए हुए हैं। गुरुवार सुबह नौ बजे जारी केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो ब्रह्मपुत्र नद का पानी अधिकांश इलाकों में खतरे के नीचे आ गया है।
अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में वर्तमान में नद का जलस्तर 152.84 है, जबकि खतरे का स्तर 153.96 है। इसी तरह डिब्रूगढ़ में 104.70 है, जबकि खतरे का निशान 105.7 है। निमातीघाट में 85.80 खतरे का निशान 85.4 है। नुमलीगढ़ में जलस्तर 77.83 है, खतरे का स्तर 77.42 है। इसी तरह धनसिरीमुख में 75.96 है, खतरे का स्तर 75 है। तेजपुर में जलस्तर 65.54 है, खतरे का स्तर 65.23 मीटर है। गुवाहाटी में भी ब्रह्मपुत्र नद के जलस्तर में काफी गिरावट दर्ज हुई है। अगर बारिश आने वाले दिनों में नहीं होती है, तो बाढ़ का पानी तेजी से नीचे उतरेगा।
राज्य सरकार के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नागरिक प्रशासन और स्थानीय पुलिस राहत व बचाव कार्य को अंजाम देने में जोर-शोर से लगी हुई है। वहीं बाढ़ में फंसे लोगों को भी सकुशल बाहर निकालने की कवायद जारी है। बुधवार तक बाढ़ से 30 लोगों के मरने की आधिकारिक पुष्टि हुई है।