गाजियाबाद, 02 अक्टूबर (हि.स.)। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने, गन्ना भुगतान और बढ़ती हुई बिजली की दरों को कम करने व अन्य मांगों को लेकर बुधवार को यूपी गेट पर कई घंटे तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने प्रदर्शन किया। सुबह 11 बजे शुरू हुआ प्रदर्शन शाम करीब साढ़े चार बजे तक चलता रहा। हालांकि किसान तड़के ही वहां पर जमा होने शुरू हो गए थे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मालिक ने बताया कि यह प्रदर्शन किसान क्रांति यात्रा के एक साल पूरा होने पर किया गया था।
भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हजारों की संख्या में किसान गाजियाबाद-दिल्ली के बॉर्डर यूपी गेट पर एकत्र हुए। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वहां पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगा दी गई थी। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पुलिस से धक्का-मुक्की करते हुए बैरिकेड पर चढ़कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने बीते साल हमारी किसान क्रांति यात्रा की सिर्फ कुछ मांगें ही मानी हैं। इनमें किसानों को किसान सम्मान निधि दिया जाना शामिल है। अभी पूरे देश के किसानों के सामने कई गंभीर संकट है। सरकार न्यूजीलैंड से सेब और चीन से सस्ता दूध मंगाने जा रही है। इससे 15 करोड़ परिवार प्रभावित होंगे।
उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और बिजली के दाम बड़ा संकट है। पूरे देश के किसानों को बिजली मुफ्त होनी चाहिए। सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य होना चाहिए। प्रदेश भर में भारतीय किसान यूनियन किसानों के हित के लिए संघर्ष करती आ रही है और देश में जनसंख्या का 65 फीसद हिस्सा प्रत्येक व अप्रत्यक्ष रूप से कृषि से जुड़ा है। किसान के अत्यधिक परिश्रम के बाद भी उनको उनकी मेहनत के अनुसार लाभ नहीं मिल पाता और किसानों पर कर्ज का भार बढ़ता ही जा रहा है। इसमें प्रत्येक वर्ष 4 से 6 प्रतिशत के बीच किसान खेती छोड़कर किसान से खेतिहर मजदूर बन गए हैं। अंत में किसानों ने यूपी गेट पर गोल चक्कर की परिक्रमा कर लौट आये। इस दौरान भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता युद्धवीर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन भी प्रदर्शन में शामिल रहे।