बेंगलुरु, 09 दिसम्बर (हि.स.)। कर्नाटक में येदियुरप्पा सरकार के भविष्य को लेकर उठ रहीं तमाम अटकलों पर विराम लग गया है। उपचुनाव परिणाम के बाद अब भाजपा को विधानसभा में पूर्ण बहुमत मिल गया है। उसे पूर्ण बहुमत के लिये सिर्फ छह सीटों की जरूरत थी लेकिन उपचुनाव में भाजपा ने 15 में से 12 सीटें जीतकर आलोचकों के मुहं बंद कर दिये। इस चुनाव में जेडीएस का खाता भी नहीं खुला। जबकि कांग्रेस ने दो और निर्दलीय ने एक सीट पर जीत दर्ज की है।
सोमवार सुबह मतगणना शुरू होते ही पहले रूझान में भाजपा ने बढ़त हासिल करना शुरू कर दिया था। भाजपा का इस चुनाव में मत प्रतिशत भी बढ़ा है। चुनाव आयोग के मुताबिक भाजपा को 49.7 और कांग्रेस को 31 प्रतिशत मत मिला है।
येल्लापुर से शिवराम हेब्बार, विजयनगर से आनंद सिंह, गोकाक से रमेश जारकीहोली, हिरेकेरूर से बीसी पाटिल, कागवाड से श्रीमंत पाटिल, चिक्कबल्लापुर से के सुधाकर, अथणी से महेश कुमटहल्ली, रानेबेन्नूर से अरुण कुमार, यशवंतपुर से एसटी सोमशेखर, महालक्ष्मी लेआउट से के गोपालैया, कृष्णाराजपेट से नारायण गौड़ा और केआर पुरा विधानसभा क्षेत्र से बीए बसवराज ने जीत हासिल की।
इसके अलावा कांग्रेस के शिवाजीनगर से रिजवान अरशद और हुनसुर विधानसभा सीट से एचपी मंजूनाथ ने जीत दर्ज की। वहीं होसकोटे सीट पर भाजपा से बागी निर्दलीय उम्मीदवार शरद कुमार बच्चेगौडा ने भाजपा के एमटीबी नागराजू को परास्त किया।
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि अब बिना किसी समस्या के स्थाई सरकार चल सकती है। उपचुनाव जीतने वाले विधायकों को मंत्री बनाया जायेगा।
मई 2018 में हुये विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर उभरी थी लेकिन पार्टी सरकार बनाने के लिए जादुई नंबर पूरा नहीं कर पायी थी। इसके बावजूद राज्यपाल वजुभाई वाला ने भाजपा के नेता बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री की शपथ दिला दी थी। कांग्रेस ने 17 मई की आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट-खटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर देररात से सुबह 5:58 बजे तक सुनवाई करने के बाद येदियुरप्पा के शपथग्रहण करने पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी थी। इसके बाद येदियुरप्पा ने सदन में बहुमत सिद्ध करने से पहले ही 19 मई को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
जुलाई में ली थी येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री की शपथ
एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के गिरने के बाद भाजपा नेता येदियुरप्पा ने बीते 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस उपचुनाव में येदियुरप्पा को अपनी सरकार के लिए साधारण बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम छह सीटों की जरूरत थी। सरकार बनाने की उठा-पटक में विधानसभा स्पीकर ने 17 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। जिन सीटों पर उपचुनाव कराया गया। अयोग्य घोषित होने के बाद सुप्रीम कोर्ट इन सभी लोगों को उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी।
विधानसभा की दलीय स्थिति
कुल 224 सीटें, दो अब भी रिक्त
सदन की प्रभावी संख्या 222
भाजपा-117
कांग्रेस-68
जेडीएस-34