कोलकाता, 30 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी ने नाराज चल रहे मतुआ समुदाय के प्रतिनिधि सांसद शांतनु ठाकुर को मना लिया है। बुधवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के साथ बैठकर शांतनु ठाकुर ने मीडिया से बात की। तृणमूल से संपर्क संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने नागरिकता अधिनियम का विरोध किया है उनके साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पर भरोसा है। बंगाल में नागरिकता अधिनियम जरूर लागू होगा।
दरअसल बंगाल के उत्तर 24 परगना और नदिया जिले में बड़ी संख्या में मतुआ समुदाय के शरणार्थी रहते हैं जो बांग्लादेश से यहां आए हैं। उन्हें आज तक नागरिकता नहीं मिली है। लोकसभा चुनाव के पहले ही भाजपा ने वादा किया था कि उन्हें नागरिकता अधिनियम के जरिए नागरिक दी जाएगी। संसद के दोनों सदनों में कानून के पारित होने के बावजूद इसे अभी तक बंगाल में लागू नहीं किया गया है। इसे लेकर लंबे समय से शांतनु ठाकुर पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे और वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे थे। इस बीच उत्तर 24 परगना के जिला तृणमूल अध्यक्ष व ममता कैबिनेट के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने शांतनु को तृणमूल में आने का आह्वान किया था। उन्हें मनाने के लिए प्रदेश भाजपा का शीर्ष नेतृत्व लगातार कोशिश कर रहा था। अब बुधवार को स्पष्ट हो गया कि सारी नाराजगी दूर कर ली गई है। इसके पहले गत सोमवार को भी कोलकाता के एक पांच सितारा होटल में शांतनु ठाकुर के साथ भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बैठक की थी।
बुधवार को मीडिया से मुखातिब शांतनु ने कहा कि संसद में मैंने खुद नागरिकता अधिनियम के पक्ष में वोट देकर इसे पारित कराया है। संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद कानून पारित हो चुका है। इससे मतुआ सामुदाय की नागरिकता सुरक्षित होगी। केवल नागरिकता देने की प्रक्रिया बाकी रह गई है। महामारी कोरोना के कारण इसमें विलंब हुआ है। उन्होंने कहा कि अगले महीने केंद्रीय मंत्री अमित शाह बंगाल आ रहे हैं। वह ठाकुरनगर में जनसभा करेंगे। वही मतुआ समुदाय को नागरिकता के संबंध में महत्वपूर्ण घोषणा करने वाले हैं।
उन्होंने माकपा, कांग्रेस और तृणमूल पर एक सुर में हमला बोलते हुए कहा कि आज तक मतुआ समुदाय को लेकर केवल वोट बैंक की राजनीति की गई है।