दिल्ली सरकार का बजट छलावा है : भाजपा

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नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। भाजपा दिल्ली प्रदेश ने केजरीवाल सरकार के बजट 2021-22 को एक छलावा करार देते हुए कहा है कि दिल्ली की वर्तमान एवं अल्प अवधि विकास आवश्यकताओं के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। इसमें वर्ष 2047 को लेकर दिल्ली वालों को सपना बेचा जा रहा है। पार्टी ने कहा है कि यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि अरविंद केजरीवाल सपनों के सौदागर हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मंगलवार को बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्ली की जनता अब खूब समझती है कि केजरीवाल सरकार बजट का उपयोग दिल्ली के विकास के लिए नहीं बल्कि अपना चुनावी गणित साधने के लिए फ्री योजनाओं पर करती है। इसी का परिणाम है कि दिल्ली में विकास ठप हो चुका है।

गुप्ता ने कहा कि यह देश के किसी भी राज्य का पहला बजट होगा, जिसमें सरकार ने 26 साल बाद की दिल्ली की कल्पना तो की है पर वर्तमान में प्रदूषण एवं परिवहन की बिगड़ती स्थिति पर कोई ठोस योजना नहीं रखी है। उल्लेखनीय है कि बजट में दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने 2047 तक दिल्ली को सिंगापुर जैसा बनाने का दावा किया है। भाजपा नेता ने कहा कि दिल्ली में ऑलम्पिक खेल कराने की कल्पना की गई है जो कि हास्यास्पद है, क्योंकि यही सरकार अभी कुछ दिन पहले तक दिल्ली को लंदन जैसा, यमुना को थैम्स नदी जैसा बनाने की बात कहती थी।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार स्वास्थ्य पर बड़े-बड़े दावे करती है। यह सरकार 2015 में जब सत्ता में आई तो दिल्ली में 94 अस्पताल थे, जो आज घटकर 88 ही रह गये हैं। उस समय दिल्ली में 265 महिला प्रसूति गृह थे, जो आज घटकर 224 रह गये हैं। 2015-16 में दिल्ली का 35 प्रतिशत तो 2019-20 में 37 प्रतिशत स्वास्थ्य बजट खर्च ही नहीं किया। आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 9934 करोड़ रुपये आवंटित किये गये है। पुराना अनुभव बताता है कि यह केवल एक घोषणा बनकर रह जायेगा क्योंकि सरकार के पास कोई कार्य योजना ही नहीं है।

आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने शिक्षा पर 16,377 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। जबकि उसने गत पांच साल में दिल्ली को पांच नये स्कूल भी नहीं खोले और आज फिर 145 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोलने के सपने बेच रही है। यह वह सरकार है जिसके कार्यकाल में हर वर्ष औसतन 20 प्रतिशत शिक्षा बजट खर्च ही नहीं होता। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन यानि कि दिल्ली की बस सेवा चाहे डीटीसी की हो या कलस्टर सेवा हो का बुरा हाल किसी से छुपा नहीं है।

 


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