‘मौजूदा सरकार ने किया किसानों और श्रमिकों की स्थिति सुधारने का काम’

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नई दिल्ली, 25 सितम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान और श्रमिक के नाम पर देश व राज्यों में अनेकों बार सरकारें बनीं लेकिन उन्हें कोई लाभ न मिला और वादों और कानूनों के जाल में किसान फंसे रहे। किसानों को ऐसे कानूनों में उलझाकर रखा गया, जिसके कारण वो अपनी ही उपज को, अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकता था। किंतु, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने इस स्थिति को निरंतर बदलने का काम किया है और पहले लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किया गया और उसके बाद उसमें रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर सरकारी खरीद भी सुनिश्चित की।

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) संगठनक रहे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर पार्टी कार्यक्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उपाध्याय जी ने हमें जो मार्ग दिखाया है, उस रास्ते पर हम पूरे समर्पित भाव से आगे बढ़ पाएं हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के बीच भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने सेवा साधना को बिना रुके, बिना थके जारी रखा है। इसमें हमारे कई कार्यकर्ताओं को अपना जीवन भी खोना पड़ा है।

मोदी ने कहा कि दीनदयाल जी का स्मरण, उनके बताए रास्ते, उनका दर्शन, जीवन प्रति पल हमें पावन करता है, प्रेरणा देता है, ऊर्जा से भर देता है।ये दीनदयाल जी ही थे, जिन्होंने भारत की राष्ट्रनीति, अर्थनीति और समाजनीति, इन तीनों को भारत के अथाह सामर्थ्य के हिसाब से तय करने की बात मुखरता से कही थी, लिखी थी। 21वीं सदी के भारत को विश्व पटल पर नई ऊंचाई देने के लिए 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए, आज जो कुछ भी हो रहा है, उसमें दीन दयाल जी जैसे महान व्यक्तित्वों का बहुत बड़ा आशीर्वाद है।

उन्होंने कहा कि जहां-जहां राज्यों में भाजपा सत्ता में आई है वहां-वहां दीनदयाल जी के इन्हीं आदर्शों को परिपूर्ण करने का काम किया गया है। आज जब देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक-एक देशवासी अथक परिश्रम कर रहा है, तब गरीबों को, दलितों, वंचितों, युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासी, मजदूरों को उनका हक देने का बहुत ऐतिहासिक काम हुआ है।

मोदी ने कहा कि आजादी के अनेक दशकों तक किसान और श्रमिक के नाम पर खूब नारे लगे, बड़े-बड़े घोषणापत्र लिखे गए, लेकिन समय की कसौटी ने सिद्ध कर दिया है कि वो सारी बातें कितनी खोखली थीं। किसान और श्रमिक के नाम पर देश में, राज्यों में अनेकों बार सरकारें बनीं लेकिन उन्हें मिला क्या? किसानों को ऐसे कानूनों में उलझाकर रखा गया, जिसके कारण वो अपनी ही उपज को, अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकता था। नतीजा ये हुआ कि उपज बढ़ने के बावजूद किसानों की आमदनी उतनी नहीं बढ़ी। हां, उन पर कर्ज जरूर बढ़ता गया। उन्हें ऐसे कानूनों में उलझाकर रखा गया, जिसके कारण वो अपनी ही उपज को, अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकता था। किंतु, आज हालात बदल गए हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में कृषि संबंधित विधेयक पारित किए हैं, जिनके लागू होने के बाद किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच सकेगा। इतना ही नहीं, बुआई से पहले ही वह उपज का मूल्य तय कर सकेगा और पा सकेगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के 5 वर्ष में किसानों को लगभग 35 लाख करोड़ रुपये किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से दिए गए हैं। किसानों को कर्ज लेने की मजबूरी से बाहर निकालने के लिए हमने एक अहम काम पूरी ताकत से शुरू किया है। अब दशकों बाद किसान को अपनी उपज पर सही हक मिल पाया है। कृषि में जो सुधार किए हैं उसका सबसे ज्यादा लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा।

मोदी ने कृषि संबंधित विधेयकों का विरोध कर रहे विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए कहा कि किसानों से हमेशा झूठ बोलने वाले कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से किसानों को भ्रमित करने में लगे हैं। ये लोग अफवाहें फैला रहे हैं। किसानों को ऐसी किसी भी अफवाह से बचाना भाजपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि किसानों की तरह ही हमारे यहां दशकों तक देश के श्रमिकों को भी कानून के जाल में उलझाकर रखा गया है। अब इन नए कानूनों से हमारी बहनों को, बेटियों को, समान मानदेय दिया गया है, उनकी ज्यादा भागीदारी को सुनिश्चित किया गया है। किसानों, श्रमिकों और महिलाओं की ही तरह छोटे-छोटे स्वरोजगार से जुड़े साथियों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा था, जिसकी सुध कभी नहीं ली गई। रेहड़ी, पटरी, फेरी पर काम करने वाले लाखों साथी जो आत्मसम्मान के साथ अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, उनके लिए भी पहली बार एक विशेष योजना बनाई गई है।

किसानों, खेत मजदूरों, छोटे दुकानदारों, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन और बीमा से जुड़ी योजनाएं हमारी सरकार ने पहले ही आरंभ कर दिया है। अब नए प्रवधानों से सामाजिक सुरक्षा का ये कवच और मजबूत होगा।

मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता के व्यापक मिशन से हर कोई जुड़े, सभी को अवसर मिले। यही तो दीनदयाल जी का सपना पूरा करने का प्रयास है। गरीब हो, किसान हो, श्रमिक हो, महिलाएं हों, ये सभी आत्मनिर्भर भारत के मजबूत स्तंभ हैं। इसलिए, इनका आत्मसम्मान और आत्मगौरव ही, आत्मनिर्भर भारत की प्राण-शक्ति है और प्रेरणा हैं। इनको सशक्त करते ही भारत की प्रगति संभव है। उन्होंने कहा कि हमारा वैचारिक तंत्र और राजनीतिक मंत्र साफ है। भाजपा के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है, यही हमारामंत्र और कर्म है।

 


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