विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस-राकांपा में भगदड़, बुधवार को भाजपा में होगा महाप्रवेश

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इस महाप्रवेश को लेकर जहाँ भाजपा खेमा उत्साहित होकर तैयारियों में जुटा है वहीँ कांग्रेस-राकांपा के अन्दर खलबली मची है कि इस आंधी को रोका कैसे जाये



मुंबई, 30 जुलाई (हि स )। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में जैसे भगदड़ मच गई है। बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने गरवारे ग्राउंड में महाप्रवेश कार्यक्रम आयोजित किया है। इस महाप्रवेश में कांग्रेस-राकांपा के कई कद्दावर नेता भाजपा में शामिल होने वाले हैं। इस महाप्रवेश को लेकर जहाँ भाजपा खेमा उत्साहित होकर तैयारियों में जुटा है वहीँ कांग्रेस-राकांपा के अन्दर खलबली मची है कि इस आंधी को रोका कैसे जाये । आने वाले चुनाव के मद्देनजर भाजपा के पक्ष में इसे लाभकारी माना जा रहा है ।
मंगलवार को कांग्रेस विधायक कालीदास कोलंबकर, राकांपा विधायक वैभव नाईक, संदीप नाईक व शिवेंद्र राजे भोसले ने अपने विधायक पद से इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े को सौप दिया है। इसके अतिरिक्त सभी पूर्व विधायकों के साथ पूर्व महाराष्ट्र राकांपा महिला अध्यक्ष चित्रा वाघ , नई मुंबई महानगर पालिका के 57 नगरसेवक भी बुधवार को भाजपा के महाप्रवेश कार्यक्रम में भाजपा का भगवा पट्टा ग्रहण करने वाले हैं। इनके साथ ही राकांपा के कद्दावर नेता गणेश नाईक, मनोहर नाईक, मधुकर राव पिचड़ सहित कई नेता संटिंग में हैं। ये सभी नेता भी देर सवेर भाजपा में ही शामिल होने का निर्णय लेने वाले हैं।
बुधवार 31 जुलाई को भाजपा में प्रवेश लेने वाले पूर्व राकांपा विधायक वैभव नाईक, राकांपा के संस्थापक सदस्य मधुकर राव पिचड़ के बेटे हैं। वह अहमदनगर के आकोले विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। वैभव ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में राकांपा के टिकट पर चुनकर आने की संभावना क्षीण हो गई है। क्षेत्र में विकास कार्यों को प्रधानता देते हुए उन्होंने राकांपा छोडऩे का निर्णय लिया है। इसी तरह मुंबई में वडाला-नायगांव विधानसभा क्षेत्र से 7 वीं बार विधायक बने कांग्रेस के कालीदास कोलंबकर ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की वजह से उनके क्षेत्र के विकास कार्यों को गति मिली है। इसी वजह से उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है। नई मुंबई से राकांपा के टिकट पर विधायक बने संदीप पाटील, राकांपा के गणेश नाईक के बेटे हैं, ने कहा कि क्षेत्र का विकास करना है तो भाजपा में जाने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा है। जबकि राकांपा विधायक शिवेंद्र राजे भोसले ने कहा कि राकांपा व्यक्ति विशेष की और परिवार की पार्टी बनकर रह गई है। आगामी विधानसभा चुनाव में राकांपा सिर्फ अपने परिवार तक ही सीमित रह जाने वाली है। इसीलिए उन्होंने भाजपा में जाने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार शिवेंद्र राजे भोसले सातारा-जावली विधानसभा क्षेत्र से पिछली बार चुने गए  थे। राकांपा में उदयन राजे भोसले के वर्चस्व से वह परेशान थे, इसी वजह से उन्होंने पार्टी बदलने का निर्णय लिया है।
चर्चा है कि विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, कई अन्य कांग्रेस -राकांपा के विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इनमें विधान परिषद के सभापति रामराजे निंबालकर, मनोहर नाईक, असलम शेख, जय कुमार गोरे आदि के नाम भी चर्चा में हैं । चर्चा है कि कई  विधायकों, विधान पार्षदों ने भाजपा नेतृत्व से प्रवेश की बात शुरू कर रखी है।
जल मंत्री गिरीश महाजन के अनुसार भाजपा को मिल रहे जनसमर्थन की वजह से भारी संख्या में कांग्रेस व राकांपा के विधायक भाजपा में शामिल होना चाह रहे हैं। लेकिन भाजपा इनमें साफ छवि वाले विधायकों को ही पार्टी में प्रवेश देना चाहती है । साथ ही अन्य साफ छवि वाले कई विधायकों का शिवसेना में भी प्रवेश होने की चर्चा है। दागदार छवि के नेताओं को भाजपा-शिवसेना कहीं भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा, ऐसी चर्चा राजनैतिक हलकों में है ।

 


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